शालग्राम मंत्र सिद्धि
विनयोग
ॐ अस्यश्री शालग्राम मंत्रस्य साध्य नारायणऋषिः अनुष्टुप्छन्दः
श्रीलक्ष्मीनारायणो देवता मम सर्वाभीष्ट फल प्राप्तये जपे विनियोगः ||
ऋष्यादि न्यास
साध्यनारायणर्षये नमः शिरसि |
अनुष्टुप्छन्दसे नमः मुखे |
श्रीलक्ष्मीनारायणदेवतायै नमः ह्रदये |
विनियोगाय नमः सर्वाङ्गे ||
करन्यास
ॐ नमो भगवते अंगुष्ठाभ्यां नमः |
विष्णवे तर्जनीभ्यां नमः |
श्रीशालग्रामनिवासिने मध्यमाभ्यां नमः |
सर्वाभीष्टफलप्रदाय नमः अनामिकाभ्यां नमः |
सकलदूरितनिवारिणे कनिष्ठिकाभ्यां नमः |
शालग्रामाय स्वाहा करतलकरपृष्ठाभ्यां नमः |
हृदयदिन्यास
ॐ नमो भगवते ह्रदयाय नमः |
विष्णवे शिरसे नमः |
श्रीशालग्रामनिवासिने शिखायै वषट् |
सर्वाभीष्टफलप्रदाय कवचाय हुम् |
सकलदूरितनिवारिणे नेत्रत्रयाय नमः |
शालग्रामाय स्वाहा अस्त्राय फट् |
ध्यान
तुल्यप्रभं तपनकोटिभिरब्जचक्र
कौमोदकी दरविराजित पाणिपद् मम् |
लक्ष्मीमहीसहितमात्तविचित्रभूषं,
नारायणं कपिशवाससमाश्रयामि ||
मूल मंत्र
ॐ नमो भगवते विष्णवे श्री
शालग्रामनिवासिने सर्वाभीष्टफलप्रदाय
सकलदुरितनिवारिणे शालग्रामाय स्वाहा |
इस मंत्र की 120 माला जाप कर लघु अनुष्ठान से आरम्भ कर सकते है |
नित्य शालग्राम भगवान् के सन्मुख भी यथाशक्ति जाप कर सकते है |
मंत्र जाप के लिए माला
तुलसी माला
शालग्राम माला
रुद्राक्ष माला
|| अस्तु ||
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Mantra