सर्व देवीदेवता नाम स्तोत्र
यह स्तोत्र वामन पुराण में दिया गया है
नित्य इसके समरण मात्र से दुःस्वप्न नाश्ता हो जाते है
सभी मनोरथ सिद्ध हो जाते है |
सर्व सिद्धिया प्राप्त हो जाती है |
स्तोत्र
ॐ नमः शिवं दुर्गां गणपतिं कार्तिकेयं दिनेश्वरम् |
धर्मं गंगां च तुलसीं राधां लक्ष्मीं सरस्वतीम् ||
नामान्येतानि भद्राणि जले स्नात्वा च यो जपेत् |
वाञ्छितं च लभेत् सोपि दुःस्वप्नः शुभवान भवेत् ||
ॐ ह्रीं श्रीं क्लीं पूर्वं दुर्गतिनाशिन्यै महामायायै स्वाहा |
कल्पवृक्षो हि लोकानां मंत्रः सप्तदशाक्षरः |
शुचिश्च दशधा जप्त्वा दुःस्वप्नः सुखवान भवेत् ||
अनुवाद
ॐ नमः के साथ
शिव,दुर्गा,गणपति,कार्तिकेय,दिनेश्वर
धर्म,गंगा,तुलसी,राधा,लक्ष्मी,सरस्वती
जो मनुष्य इन मंगलनामो का जाप करता है
उसका मनोरथ सिद्ध हो जाता है
दुःस्वप्न नाश हो जाते है ||
"ॐ ह्रीं श्रीं क्लीं दुर्गतिनाशिन्यै महामायायै स्वाहा"
यह सत्तरह अक्षरों वाला मंत्र कल्पवृक्ष के समान है
नित्य 10 बार स्मरण करने से भी सुखदायक हो जाता है
1 करोड़ जाप करने से मंत्र सिद्ध हो जाता है
और सभी सिद्धिया साधक प्राप्त कर लेता है |
|| अस्तु ||
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