सर्वदेवी देवता स्तोत्र | Sarv devi devta stotra |


 सर्व देवीदेवता नाम स्तोत्र 

सर्वदेवी देवता स्तोत्र


यह स्तोत्र वामन पुराण में दिया गया है 
नित्य इसके समरण मात्र से दुःस्वप्न नाश्ता हो जाते है 
सभी मनोरथ सिद्ध हो जाते है | 
सर्व सिद्धिया प्राप्त हो जाती है | 

स्तोत्र 
ॐ नमः शिवं दुर्गां गणपतिं कार्तिकेयं दिनेश्वरम् | 
धर्मं गंगां च तुलसीं राधां लक्ष्मीं सरस्वतीम् || 

नामान्येतानि भद्राणि जले स्नात्वा च यो जपेत् | 
वाञ्छितं च लभेत्  सोपि दुःस्वप्नः शुभवान भवेत् || 

ॐ ह्रीं श्रीं क्लीं पूर्वं दुर्गतिनाशिन्यै महामायायै स्वाहा | 
कल्पवृक्षो हि लोकानां मंत्रः सप्तदशाक्षरः |
शुचिश्च दशधा जप्त्वा दुःस्वप्नः सुखवान भवेत् || 


अनुवाद 
ॐ नमः के साथ 
शिव,दुर्गा,गणपति,कार्तिकेय,दिनेश्वर
धर्म,गंगा,तुलसी,राधा,लक्ष्मी,सरस्वती 

जो मनुष्य इन मंगलनामो का जाप करता है 
उसका मनोरथ सिद्ध हो जाता है 
दुःस्वप्न नाश हो जाते है || 

"ॐ ह्रीं श्रीं क्लीं दुर्गतिनाशिन्यै महामायायै स्वाहा"
यह सत्तरह अक्षरों वाला मंत्र कल्पवृक्ष के समान है 
नित्य 10 बार स्मरण करने से भी सुखदायक हो जाता है 
1 करोड़ जाप करने से मंत्र सिद्ध हो जाता है 
और सभी सिद्धिया साधक प्राप्त कर लेता है | 

|| अस्तु || 






karmkandbyanandpathak

नमस्ते मेरा नाम आनंद कुमार हर्षद भाई पाठक है । मैंने संस्कृत पाठशाला में अभ्यास कर (B.A-M.A) शास्त्री - आचार्य की पदवी प्राप्त की हुईं है । ।। मेरा परिचय ।। आनंद पाठक (आचार्य) ( साहित्याचार्य ) ब्रह्मरत्न अवार्ड विजेता (2015) B.a-M.a ( शास्त्री - आचार्य ) कर्मकांड भूषण - कर्मकांड विशारद ज्योतिष भूषण - ज्योतिष विशारद

Post a Comment

Previous Post Next Post