तुलसीदल तोड़नेके मन्त्र
जब भी हम तुलसी पत्र तोड़े उससे पहले सदैव
तुलसीमाता को वंदन करके सबसे
पहले इस श्लोक से प्रार्थना करे उसके
पश्चात तुलसी का पत्ता तोड़े।
पश्चात तुलसी का पत्ता तोड़े।
तुलस्यमृतजन्मासि सदा त्वं केशवप्रिया |
चिनोमि केशवास्यर्थे वरदा भव शोभने ||
त्वदङ्ग सम्भवैः पत्रैः पूजयामि यथा हरिम् |
तथा कुरु पवित्राङ्गि कलौ मलविनाशिनि ||
|| अस्तु ||
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