स्तोत्र और पाठ के नियम
स्तोत्र और पाठ के नियम |
न मानसं पठेत्स्तोत्रं वाचिकं तु प्रशस्यते |
कण्ठतः पाठाभावे तु पुस्तकोपरि वाचयेत् ||
न स्वयं लिखितं स्तोत्रं नाब्राह्मणलिपिं पठेत् |
स्तोत्रों का मानसिक पाठ न करें |
मुख से उच्चारण कर सुमधुरस्वर से पाठ करना प्रशस्त है |
स्तोत्र कण्ठस्थ न हो तो शुद्ध पुस्तक से पाठ करना चाहिये |
अपने हाथ से लिखे स्तोत्रों का पाठ न करें |
|| अस्तु ||
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