स्तोत्र और पाठ के नियम | Stotra or Path ke Niyam |

 

स्तोत्र और पाठ के नियम

स्तोत्र और पाठ के नियम 


न मानसं पठेत्स्तोत्रं वाचिकं तु प्रशस्यते | 
कण्ठतः पाठाभावे तु पुस्तकोपरि वाचयेत् || 
न स्वयं लिखितं स्तोत्रं नाब्राह्मणलिपिं पठेत् | 

स्तोत्रों का मानसिक पाठ न करें |
मुख से उच्चारण कर सुमधुरस्वर से पाठ करना प्रशस्त है | 
स्तोत्र कण्ठस्थ न हो तो शुद्ध पुस्तक से पाठ करना चाहिये | 
अपने हाथ से लिखे स्तोत्रों का पाठ न करें |  

|| अस्तु || 
karmkandbyanandpathak

नमस्ते मेरा नाम आनंद कुमार हर्षद भाई पाठक है । मैंने संस्कृत पाठशाला में अभ्यास कर (B.A-M.A) शास्त्री - आचार्य की पदवी प्राप्त की हुईं है । ।। मेरा परिचय ।। आनंद पाठक (आचार्य) ( साहित्याचार्य ) ब्रह्मरत्न अवार्ड विजेता (2015) B.a-M.a ( शास्त्री - आचार्य ) कर्मकांड भूषण - कर्मकांड विशारद ज्योतिष भूषण - ज्योतिष विशारद

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