भस्मका अभिमन्त्रण
भस्म धारण विधि |
सत्यं शौचं जपो होमस्तीर्थं देवादिपूजनम् |
तस्य व्यर्थमिदं सर्वं यस्त्रि पुण्ड्रं न धारयेत् ||
भस्मका अभिमन्त्रण
भस्म लगानेसे पहले भस्मको अभिमन्त्रित कर लेना चाहिये |
भस्मको बायीं हथेली पर रखकर जलादि मिलाकर निम्नलिखित मन्त्र पढ़े |
ॐ अग्निरिति भस्म |
ॐ वायुरिति भस्म |
ॐ जलमिति भस्म |
ॐ स्थलमिति भस्म |
ॐ व्योमेति भस्म |
ॐ सर्वंगू ह वा इदं भस्म |
ॐ मन एतानि चक्षूंगूषि भस्मानी |
भस्म लगानेका मन्त्र
ॐ नमः शिवाय मन्त्र बोलते हुए ललाट,
ग्रीवा, भुजाओं और हृदयमें भस्म लगाये |
अथवा निम्नलिखित भिन्न भिन्न मन्त्र बोलते
हुए भिन्न भिन्न स्थानोंमें भस्म लगाये |
ॐ त्र्यायुषं जगदग्नेरिति ललाटे |
ॐ कश्यपस्य त्र्यायुषमिति ग्रीवायाम् |
ॐ यद्देवेषु त्र्यायुषमिति भुजायाम् |
ॐ तन्नो अस्तु त्र्यायुषमिति हृदये |
|| अस्तु ||
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