भस्म धारण विधि | Bhasm Dharan vidhi |

 

भस्मका अभिमन्त्रण 

भस्म धारण विधि 


सत्यं शौचं जपो होमस्तीर्थं देवादिपूजनम् | 
तस्य व्यर्थमिदं सर्वं यस्त्रि पुण्ड्रं न धारयेत् || 

भस्मका अभिमन्त्रण 

भस्म लगानेसे पहले भस्मको अभिमन्त्रित कर लेना चाहिये | 
भस्मको बायीं हथेली पर रखकर जलादि मिलाकर निम्नलिखित मन्त्र पढ़े | 

ॐ अग्निरिति भस्म | 
ॐ वायुरिति भस्म | 
ॐ जलमिति भस्म | 
ॐ स्थलमिति भस्म | 
ॐ व्योमेति भस्म | 
ॐ सर्वंगू ह वा इदं भस्म | 
ॐ मन एतानि चक्षूंगूषि भस्मानी | 

भस्म लगानेका मन्त्र 

ॐ नमः शिवाय मन्त्र बोलते हुए ललाट, 
ग्रीवा, भुजाओं और हृदयमें भस्म लगाये |
 अथवा निम्नलिखित भिन्न भिन्न मन्त्र बोलते
 हुए भिन्न भिन्न स्थानोंमें भस्म लगाये | 

ॐ त्र्यायुषं जगदग्नेरिति ललाटे | 
ॐ कश्यपस्य त्र्यायुषमिति ग्रीवायाम् | 
ॐ यद्देवेषु त्र्यायुषमिति भुजायाम् | 
ॐ तन्नो अस्तु त्र्यायुषमिति हृदये | 

|| अस्तु || 



 
karmkandbyanandpathak

नमस्ते मेरा नाम आनंद कुमार हर्षद भाई पाठक है । मैंने संस्कृत पाठशाला में अभ्यास कर (B.A-M.A) शास्त्री - आचार्य की पदवी प्राप्त की हुईं है । ।। मेरा परिचय ।। आनंद पाठक (आचार्य) ( साहित्याचार्य ) ब्रह्मरत्न अवार्ड विजेता (2015) B.a-M.a ( शास्त्री - आचार्य ) कर्मकांड भूषण - कर्मकांड विशारद ज्योतिष भूषण - ज्योतिष विशारद

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