मृतवत्सादि शांति कवच
मृतवत्सादि शांति कवच |
इस कवच की पोटली बनाकर पति पत्नी को भुजा पर धारण करना चाहिए |
पाठ करने मात्र से भी इसका शुभ परिणाम प्राप्त होगा |
स्त्री को बायीं भुजा में धारण करना चाहिये |
पुरुष को दायी भुजा में धारण करना चाहिये |
ॐ मृतवत्सामृगर्भापुत्रहीनानां शांतिः कवच धारणात् | कवचं प्रथमम् |
ॐ नमो नरसिंहाय नमो महाविपन्ननाशाय
दिव्यरुपाय नरसिंहाय नमः |
स्थौं सौं क्षौं रामाय नमः | रां रामाय नमः |
ॐ ह्रीं श्रीं फणं हुं हां फेत्कारशब्देन सर्वबालकस्य
सर्वभयोपद्रवनाशाय इमां विद्यां पठति धारयति
यदि तदा नरसिंहो रक्षति सदा हुं फट् स्वाहा ||
ॐ नमां नरसिंहाय हिरण्यकशिपोर्वक्षः
स्थलविदारणाय त्रिभुवन व्यापकाय भूतप्रेतपिशाचडाकिनीकुलनाशाय
स्तंभोद् भवाय समस्तदोषान हर हर विष विष पच पच मथ मथ
हन हन फट् हुं फट् ठः ठः एहि रुद्रो ज्ञापयति स्वाहा ||
ॐ क्षौं नमो भगवते नरसिंहाय ज्वालामालिने
दीप्तदंष्ट्राय अग्निनेत्राय सर्वरक्षोघ्नाय सर्वभूतविनाशाय
सर्वज्वर विनाशाय दह दह पच पच रक्ष रक्ष हुं फट् स्वाहा ||
गोरोचनया भूर्जे विलिख्या स्वर्णथा गुटिका
स्त्रिया वामकरे पुरुषेण दक्षिणे करे धार्या कदापि न दोषः ||
|| अस्तु ||
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