आकाशदीप दान व्रत | deep daan |


 एकादशी से दिवाली तक यह व्रत करे 

आकाशदीप दान व्रत 


आकाशदीप दान व्रत 

भगवान् विष्णु को दीपदान करे 

पितृदोष से मुक्ति देता है यह 

चमत्कारिक शुभ फल मिलेगा 

पितरो को मोक्ष देंने के लिए करे यह |

संतान-स्त्री-पुत्र-पौत्र-लक्ष्मी प्राप्ति हेतु |

एकादशी से दिवाली तक यह व्रत करे 

 

एकादशी से लेकर दीपावली तक करे आकाशदीप दान |

पितरो को मोक्ष देंने के लिए करे यह |

संतान-स्त्री-पुत्र-पौत्र-लक्ष्मी प्राप्ति हेतु |

ब्रह्माजी ने नारद मुनि को यह विधि स्कंदपुराण में बताई है 

कार्तिक माह में और खासकर एकादशी से 

पर्यन्त पांचदिनो तक जो आकशदीप दान करता है |

 उसका माहात्म्य अवर्णनीय है |

आकशदीप दान करनेवाला मनुष्य सभी सुखो को प्राप्त करता है, वो सब लोको का स्वामी बनकर सभी सुखो को भोगता है, सब सम्पत्तियो से युक्त होकर इस लोक में सुख भोगकर अंत में मोक्ष को प्राप्त करता है | 

भगवान् विष्णु के मंदिर में या अपने घर में विष्णु की मूर्ति के आगे पांचदिन पर्यन्त या पुरे कार्तिक माह में दीपदान करे | 

स्कंदपुराण के अनुसार ब्रह्माजी ने जो कथा नारदजी को बताई थी उसके अनुसार 

सुनन्दन चंद्रशर्मा नामक ब्राह्मण के बताये हुए इस दीपदान विधि को किया था 

वो पूरा दिन विष्णु की पूजा कर के रात में विष्णु को आकाशदीप समर्पित करते थे 


पितृ आकाशदीपदान श्लोक 

ॐ नमः पितृभ्यः प्रेतेभ्यो नमो धर्माय विष्णवे | 

नमो यमाय रुद्राय कांतारपतये नमः || 

पितरो को नमस्कार है 

प्रेतों को नमस्कार है 

धर्मरूपी विष्णु को नमस्कार है 

यमराज को नमस्कार है 

दुर्गम पथ रक्षा करनेवाले शिवजी को नमस्कार है | 


विष्णु आकाशदीपदान श्लोक 

ॐ दामोदराय विश्वाय विश्वरूपधराय च | 

नमस्कृत्वा प्रदास्यामि व्योमदीपं हरिप्रियम् || 

में सर्वस्वरूप विश्वरूपधारी भगवान् दामोदर को 

नमस्कार कर यह आकाशदीप दान करता हु या करती हु || 

जो भगवान् को परमप्रिय है || 



|| दीपदान विधि सम्पतः || 

karmkandbyanandpathak

नमस्ते मेरा नाम आनंद कुमार हर्षद भाई पाठक है । मैंने संस्कृत पाठशाला में अभ्यास कर (B.A-M.A) शास्त्री - आचार्य की पदवी प्राप्त की हुईं है । ।। मेरा परिचय ।। आनंद पाठक (आचार्य) ( साहित्याचार्य ) ब्रह्मरत्न अवार्ड विजेता (2015) B.a-M.a ( शास्त्री - आचार्य ) कर्मकांड भूषण - कर्मकांड विशारद ज्योतिष भूषण - ज्योतिष विशारद

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