श्री ललिता सहस्रनामावली
श्री ललिता सहस्रनामावली |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं श्रीमात्रे नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं श्रीमहाराग्येै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं श्रीमत्सिंहासनेश्वर्यै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं चिदग्निकुण्डसम्भूतायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं देवकार्य समुद्यतायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं उद्यद्भानुसहस्त्राभायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं चतुर्बाहुसमन्वितायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं रागस्वरूपपाशाढ्यायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं क्रोधाकाराङ्कुशोज्ज्वलायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं मनोरुपेक्षुकोदण्डायै नमः || १० ||
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं पञ्चतन्मात्रासायकायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं निजारुणप्रभापूरमज्जद्ब्रह्माण्डलायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं चम्पकाशोकपुन्नाग सौगन्धिकलसत्कचायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं कुरुविन्दमणिश्रेणीकनत्कोटीरमण्डितायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं अष्टमीचन्द्रविभ्राजदलिकस्थलशोभितायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं मुखचन्द्रकलङ्काभमृगनाभिविशेषिकायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं वदनस्मरमाङ्गल्यगृहतोरणचिल्लिकायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं वक्त्रलक्ष्मीपरीवाहचलन्मीनाभलोचनायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं नवचम्पकपुष्पाभनासादण्डविराजितायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं ताराकान्तितिरस्कारिनासाभरणभासुरायै नमः || २० ||
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं कदम्बमञ्जरीक्लृप्त कर्णपूरमनोहरायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं ताटङ्कयुगलीभूत तपनोडुपमण्डलायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं पद्मरागशिलादर्श परिभाविकपोलभुवे नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं नवविद्रुमबिम्बश्री न्यक्कारिदशनच्छदायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं शुद्धविद्याङ्कुरा कारद्विजपंक्तिद्वयोज्ज्वलायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं कर्पूरवीटिकामोदसमाकर्षिदिगन्तरायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं निजसंल्लापमाधुर्यविनिर्भर्त्सितकच्छप्यै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं मन्दस्मितप्रभापूरमज्जत्कामेशमानसायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं अनाकलितसादृश्यचिबुकश्रीविराजितायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं कामेशबद्धमाङ्गल्यसूत्रशोभितकन्धरायै नमः || ३० ||
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं कनकाङ्गदकेयूरकमनीयभुजानन्वितायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं रत्नग्रैवेयचिन्ताकलोलमुक्ताफलान्वितायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं कामेश्वरप्रेमरत्नमणिप्रतिपणस्तन्यै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं नाभ्यालवालरोमालिलताफलकुचद्वय्यै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं लक्ष्यरोमलता धारतासमुन्नेयमध्यमायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं स्तनभारदलन्मध्यपट्टबन्धवलित्रयायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं अरुणारूणकौसुम्भवस्त्रभास्वत्कटीतट्यै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं रत्नकिङ्किणिकारम्यरशनादामभूषितायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं कामेशज्ञातसौभाग्यमार्दवोरुद्वयान्वितायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं माणिक्यमुकुटाकारजानुद्वयविराजितायै नमः || ४० ||
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं इन्द्रगोपपरिक्षिप्तस्मरतूणाभजङ्घिकायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं गूढगुल्फायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं कूर्मपृष्ण(पृष्ठ)जयिष्णुप्रपदान्वितायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं नखदीधितिसञ्छन्ननमज्जनतमोगुणायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं पदद्वयप्रभाजालपराकृतसरोरुहायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रींki शिञ्जानमणिमञ्जीरमण्डितश्रीपदाम्बुजायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं मरालीमन्दगमनायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं महालावण्यशेवधये नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं सर्वारुणायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं अनवद्याङ्गयै नमः || ५० ||
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं सर्वाभरणभूषितायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं शिवकामेश्वराङ्गस्थायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं शिवायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं स्वाधीनवल्लभायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं सुमेरुमध्यशृङ्गस्थायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं श्रीमन्नगरनायिकायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं चिन्तामणिगृहान्तःस्थायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं पञ्चब्रह्मासनस्थितायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं महापद्माटवीसंस्थायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं कदम्बवनवासिन्यै नमः || ६० ||
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं सुधासागरमध्यस्थायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं कामाक्ष्यै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं कामदायिन्यै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं देवर्षिगणसंघातस्तूयमानात्मवैभवायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं भण्डासुरवधोद्युक्तशक्तिसेनासमन्वितायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं सम्पत्करीसमारूढसिन्धुरव्रजसेवितायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं अश्वारुढाधिष्ठिताश्वकोटिकोटिभिरावृतायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं चक्रराजरथारुढसर्वायुधपरिष्कृतायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं गेयचक्ररथारुढमन्त्रिणीपरिसेवितायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं किरिचक्ररथारुढ दण्डनाथापुरस्कृतायै नमः || ७० ||
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं ज्वालामालिनिकाक्षिप्तवह्रिप्राकारमध्यगायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं भण्डसैन्यवधोद्युक्तशक्तिविक्रमहर्षितायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं नित्यापराक्रमाटोपनिरीक्षणसमुत्सुकायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं भण्डपुत्रवधोद्युक्तबालाविक्रमनन्दितायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं मन्त्रिण्यम्बाविरचित विषंगवधतोषितायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं विशुक्रप्राणहरणवारहीवीर्यनन्दितायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं कामेश्वरमुखालोककल्पित श्रीगणेश्वरायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं महागणेशनिर्भिन्नविघ्नयन्त्रप्रहर्षितायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं भण्डासुरेन्द्रनिर्मुक्तशस्त्रप्रत्यस्त्रवर्षिण्यै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं कराङ्गुलिनखोत्पन्ननारायणदशाकृत्यै नमः || ८० ||
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं महापाशुपतास्त्राग्निनिर्दग्धासुरसैनिकायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं कामेश्वरास्त्रनिर्दग्धसभण्डासुरशून्यकायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं ब्रह्मोपेन्द्रमहेन्द्रादिदेवसंस्तुतवैभवायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं हरनेत्राग्निसंदग्धकामसंजीवनौषध्यै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं श्रीमद्वाग्भवकूटैकस्वरुपमुखपङ्कजायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं कण्ठाधःकटिपर्यन्तमध्यकूटस्वरूपिण्यै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं शक्तिकूटैकतापन्नकट्यधोभागधारिण्यै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं मूलमन्त्रात्मिकायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं मूलकूटत्रयकलेवरायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं कुलामृतैकरसिकायै नमः || ९० ||
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं कुलसङ्केतपालिन्यै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं कुलाङ्गनायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं कुलान्तःस्थायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं कौलिन्यै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं कुलयोगिन्यै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं अकुलायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं समयान्तःस्थायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं समयाचारतत्परायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं मूलाधारैकनिलयायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं ब्रह्मग्रन्थिविभेदिन्यै नमः || १०० ||
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं मणिपुरान्तरुदितायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं विष्णुग्रन्थिविभेदिन्यै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं आज्ञाचक्रान्तरालस्थायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं रुद्रग्रन्थिविभेदिन्यै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं सहस्त्राराम्बुजारूढायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं सुधासाराभिवर्षिण्यै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं तडिल्लतासमरूच्यै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं षट्चक्रोपरिसंस्थितायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं महाशक्त्यै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं कुण्डलिन्यै नमः || ११० ||
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं बिसतन्तुतनीयस्यै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं भवान्यै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं भावनागम्यायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं भवारण्यकुठारिकायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं भद्रप्रियायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं भद्रमूर्तये नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं भक्तसौभाग्यदायिन्यै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं भक्तिप्रियायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं भक्तिगम्यायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं भक्तिवश्यायै नमः || १२० ||
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं भयापहायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं शाम्भव्यै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं शारदाराध्यायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं शर्वाण्यै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं शर्मदायिन्यै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं शाङ्कर्यै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं श्रीकर्यै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं साध्व्यै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं शरच्चन्द्रनिभाननायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं शातोदर्यै नमः || १३० ||
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं शान्तिमत्यै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं निराधारायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं निरञ्जनायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं निर्लेपायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं निर्मलायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं नित्यायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं निराकारायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं निराकुलायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं निर्गुणायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं निष्कलायै नमः || १४० ||
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं शान्तायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं निष्कामायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं निरुपप्लवायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं नित्यमुक्तायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं निर्विकारायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं निष्प्रपञ्चायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं निराश्रयायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं नित्यशुद्धायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं नित्यबुद्धायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं निरवद्यायै नमः || १५० ||
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं निरन्तरायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं निष्कारणायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं निष्कलङ्कायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं निरुपाधयै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं निरीश्वरायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं नीरागायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं रागमथन्यै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं निर्मदायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं मदनाशिन्यै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं निश्चिन्तायै नमः || १६० ||
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं निरहङ्कारायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं निर्मोहायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं मोहनाशिन्यै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं निर्ममायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं ममताहन्त्र्यै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं निष्पापायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं पापनाशिन्यै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं निष्क्रोधायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं क्रोधशमन्यै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं निर्लोभायै नमः || १७० ||
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं लोभनाशिन्यै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं निःसंशयायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं संशयध्न्यै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं निर्भवायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं भवनाशिन्यै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं निर्विकल्पायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं निराबाधायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं निर्भेदायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं भेदनाशिन्यै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं निर्नाशायै नमः || १८० ||
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं मृत्युमथन्यै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं निष्क्रियायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं निष्परिग्रहायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं निस्तुलायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं नीलचिकुरायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं निरपायायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं निरत्ययायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं दुर्लभायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं दुर्गमायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं दुर्गायै नमः || १९० ||
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं दुःखहन्त्र्यै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं सुखप्रदायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं दुष्टदुरायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं दुराचारशमन्यै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं दोषवर्जितायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं सर्वज्ञायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं सान्द्रकरुणायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं समानाधिकवर्जितायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं सर्वशक्तिमय्यै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं सर्वमङ्गलायै नमः || २०० ||
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं सद्गतिप्रदायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं सर्वेश्वर्यै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं सर्वमय्यै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं सर्वमन्त्रस्वरुपिण्यै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं सर्वयन्त्रात्मिकायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं सर्वत
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं मनोन्मन्यै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं माहेश्वर्यै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं महादेव्यै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं महालक्ष्म्यै नमः || २१० ||
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं मृडप्रियायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं महारुपायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं महापूज्यायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं महापातकनाशिन्यै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं महामायायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं महासत्त्वायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं महाशक्त्यै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं महारत्यै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं महाभोगायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं महैश्वर्यायै नमः || २२० ||
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं महावीर्यायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं महाबलायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं महाबुद्ध्यै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं महासिद्ध्यै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं महायोगेश्वरेश्वर्यै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं महातन्त्रायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं महामन्त्रायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं महायन्त्रायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं महासनायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं महायागक्रमाराध्यायै नमः || २३० ||
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं महाभैरवपूजितायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं महेश्वरमहाकल्पमहाताण्डवसाक्षिण्यै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं महाकामेशमहिष्यै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं महात्रिपुरसुन्दर्यै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं चतुःषष्ट्युपचाराढ्यायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं चतुःषष्टिकलामय्यै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं महाचतुःषष्टिकोटियोगिनीगणसेवितायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं मनुविद्यायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं चन्द्रविद्यायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं चन्द्रमण्डलमध्यगायै नमः || २४० ||
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं चारुरुपायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं चारुहासायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं चारुचन्द्रकलाधरायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं चराचरजगन्नाथायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं चक्रराजनिकेतनायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं पार्वत्यै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं पद्मनयनायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं पद्मरागसमप्रभायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं पञ्चप्रेतासनासीनायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं पञ्चब्रह्मस्वरुपिण्यै नमः || २५० ||
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं चिन्मय्यै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं परमानन्दायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं विज्ञानघनरुपिण्यै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं ध्यानध्यातृध्येयरूपायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं धर्माधर्मविवर्जितायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं विश्वरूपायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं जागरिण्यै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं स्वपत्न्यै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं तैजसात्मिकायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं सुप्तायै नमः || २६० ||
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं प्राज्ञात्मिकायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं तुर्यायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं सर्वावस्थाविवर्जितायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं सृष्टिकर्त्र्यै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं ब्रह्मरुपायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं गोप्त्र्यै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं गोविन्दरुपिण्यै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं संहारिण्यै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं रुद्ररुपायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं तिरोधानकर्यै नमः || २७० ||
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं ईश्वर्यै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं सदाशिवायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं अनुग्रहदायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं पञ्चकृत्यपरायणायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं भानुमण्डलमध्यस्थायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं भैरव्यै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं भगमालिन्यै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं पद्मासनायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं भगवत्यै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं पद्मनाभसहोदर्यै नमः || २८० ||
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं उन्मेषनिमिषोत्पन्नविपन्नभुवनावल्यै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं सहस्त्रशीर्षवदनायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं सहस्त्राक्ष्यै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं सहस्रपदे नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं आब्रह्मकीटजनन्यै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं वर्णाश्रमविधायिन्यै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं निजाज्ञारुपनिगमायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं पुण्यापुण्यफलप्रदायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं श्रुतिसीमन्तसिन्दूरीकृतपादाब्जधूलिकायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं सकलागमसन्दोहशुक्तिसम्पुटमौक्तिकायै नमः || २९० ||
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं पुरुशार्थप्रदायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं पूर्णायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं भोगिन्यै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं भुवनेश्वर्यै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं अम्बिकायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं अनादिनिधनायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं हरिब्रह्मेन्द्रसेवितायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं नारायण्यै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं नादरूपायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं नामरुपविवर्जितायै नमः || ३०० ||
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं ह्रींकार्यै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं ह्रीमत्यै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं हृद्यायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं हेयोपादेयवर्जितायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं राजराजार्चितायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं राज्ञ्यै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं रम्यायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं राजीवलोचनायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं रञ्जन्यै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं रमण्यै नमः || ३१० ||
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं रस्यायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं रणत्किङ्किणिमेखलायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं रमायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं राकेन्दुवदनायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं रतिरुपायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं रतिप्रियायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं रक्षाकर्यै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं राक्षसध्न्यै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं रामायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं रमणलम्पटायै नमः || ३२० ||
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं काम्यायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं कामकलारुपायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं कदम्बकुसुमप्रियायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं कल्याण्यै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं जगतीकन्दायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं करुणारससागरायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं कलावत्यै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं कलालापायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं कान्तायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं कादम्बरीप्रियायै नमः || ३३० ||
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं वरदायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं वामनयनायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं वारुणीमदविह्ललायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं विश्वाधिकायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं वेदवेद्यायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं विन्ध्याचलनिवासिन्यै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं विधात्र्यै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं वेदजनन्यै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं विष्णुमायायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं विलासिन्यै नमः || ३४० ||
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं क्षेत्रस्वरुपायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं क्षेत्रेश्यै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं क्षेत्रक्षेत्रज्ञपालिन्यै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं क्षयवृद्धिविनिर्मुक्तायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं क्षेत्रपालसमर्चितायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं विजयायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं विमलायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं वन्द्यायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं वन्दारुजनवत्सलायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं वाग्वादिन्यै नमः || ३५० ||
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं वामकेश्यै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं वह्निमण्डलवासिन्यै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं भक्तिमत्कल्पलतिकायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं पशुपाशविमोचिन्यै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं संहृताशेषपाषण्डायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं सदाचारप्रवर्तिकायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं तापत्रयाग्निसंतप्तसमाह्लादनचन्द्रिकायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं तरुण्यै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं तापसाराध्यायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं तनुमध्यायै नमः || ३६० ||
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं तमोऽपहायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं चित्यै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं तत्पदलक्ष्यार्थायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं चिदेकरसरूपिण्यै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं स्वात्मानन्दलवीभूतब्रह्माद्यानन्दसंतत्यै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं परायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं प्रत्यक् चितीरुपायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं पश्यन्त्यै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं परदेवतायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं मध्यमायै नमः || ३७० ||
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं वैखरीरुपायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं भक्तमानसहंसिकायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं कामेश्वरप्राणनाड्यै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं कृतज्ञायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं कामपूजितायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं शृङ्गाररससम्पूर्णायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं जयायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं जालन्धरस्थितायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं ओड्याणपीठनिलयायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं बिन्दुमण्डलवासिन्यै नमः || ३८० ||
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं रहोयागक्रमाराध्यायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं रहस्तर्पणतर्पितायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं सद्यःप्रसादिन्यै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं विश्वसाक्षिण्यै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं साक्षिवर्जितायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं षडङ्गदेवतायुक्तायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं षाड्गुण्यपरिपूरितायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं नित्यक्लिन्नायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं निरुपमायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं निर्वाणसुखदायिन्यै नमः || ३९० ||
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं नित्याषोडशिकारुपायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं श्रीकण्ठार्धशरीरिण्यै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं प्रभावत्यै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं प्रभारुपायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं प्रसिद्धायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं परमेश्वर्यै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं मूलप्रकृत्यै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं अव्यक्तायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं व्यक्ताव्यक्तस्वरुपिण्यै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं व्यापिन्यै नमः || ४०० ||
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं विविधाकारायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं विद्याविद्यास्वरुपिण्यै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं महाकामेशनयनकुमुदाह्लादकौमुद्यै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं भक्ताहार्दतमोभेदभानुमद्भानुसंतत्यै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं शिवदूत्यै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं शिवाराध्यायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं शिवमूर्त्यै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं शिवङ्कर्यै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं शिवप्रियायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं शिवपरायै नमः || ४१० ||
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं शिष्टेष्टायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं शिष्टपूजितायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं अप्रमेयायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं स्वप्रकाशायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं मनोवाचामगोचरायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं चिच्छक्त्यै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं चेतनारुपायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं जडशक्त्यै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं जडात्मिकायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं गायत्र्यै नमः || ४२० ||
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं व्याहृत्यै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं संध्यायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं द्विजवृन्दनिषेवितायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं तत्त्वासनायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं तस्मै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं तुभ्यं नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं अय्यै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं पञ्चकोशान्तरस्थितायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं निःसीममहिम्ने नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं नित्ययौवनायै नमः || ४३० ||
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं मदशालिन्यै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं मदघूर्णितरक्ताक्ष्यै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं मदपाटलगण्डभुवे नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं चन्दनद्रवदिग्धाङ्ग्यै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं चाम्पेयकुसुमप्रियायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं कुशलायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं कोमलाकारायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं कुरुकुल्लायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं कुलेश्वर्यै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं कुल कुण्डालयायै नमः || ४४० ||
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं कौलमार्गतत्परसेवितायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं कुमारगणनाथाम्बायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं तुष्ट्यै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं पुष्ट्यै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं मत्यै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं धृत्यै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं शान्त्यै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं स्वस्तिमत्यै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं कान्त्यै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं नन्दिन्यै नमः || ४५० ||
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं विघ्ननाशिन्यै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं तेजोवत्यै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं त्रिनयनायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं लोलाक्षीकामरुपिण्यै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं मालिन्यै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं हंसिन्यै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं मात्रे नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं मलयाचलवासिन्यै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं सुमुख्यै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं नलिन्यै नमः || ४६० ||
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं सुभ्रुवे नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं शोभनायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं सुरनायिकायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं कालकण्ठ्यै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं कान्तिमत्यै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं क्षोभिण्यै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं सूक्ष्मरुपिण्यै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं वज्रेश्वर्यै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं वामदेव्यै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं वयोऽवस्थाविवर्जितायै नमः || ४७० ||
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं सिद्धेश्वर्यै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं सिद्धविद्यायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं सिद्धमात्रे नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं यशस्विन्यै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं विशुद्धिचक्रनिलयायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं आरक्तवर्णायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं त्रिलोचनायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं खट् वाङ्गादिप्रहरणायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं वदनैकसमन्वितायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं पायसान्नप्रियायै नमः || ४८० ||
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं त्वक्स्थायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं पशुलोकभयङ्कर्यै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं अमृतादिमहाशक्तिसंवृतायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं डाकिनीश्वर्यै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं अनाहताब्जनिलयायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं श्यामाभायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं वदनद्वयायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं द्रंष्ट्रोज्ज्वलायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं अक्षमालादिधरायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं रुधिरसंस्थितायै नमः || ४९० ||
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं कालरात्र्यादिशक्त्यौघवृतायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं स्निग्धौदनप्रियायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं महावीरेन्द्रवरदायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं राकिण्यम्बास्वरुपिण्यै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं मणिपुराब्जनिलयायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं वदनत्रयसंयुतायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं वज्रादिकायुधोपेतायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं डामर्यादिभिरावृतायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं रक्तवर्णायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं मांसनिष्ठायै नमः || ५०० ||
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं गुडान्नप्रीतमानसायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं समस्तभक्तसुखदायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं लाकिन्यम्बास्वरुपिण्यै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं स्वाधिष्ठानाम्बुजगतायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं चतुर्वक्त्रमनोहरायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं शुलाद्यायुधसम्पन्नायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं पीतवर्णायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं अतिगर्वितायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं मेदोनिष्ठायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं मधुप्रीतायै नमः || ५१० ||
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं वन्धिन्यादिसमन्वितायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं दध्यन्नासक्तहृदयायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं काकिनीरुपधारिण्यै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं मूलाधाराम्बुजारुढायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं पञ्चवक्त्रायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं अस्थिसंस्थितायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं अङ्कुशादिप्रहरणायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं वरदादिनिषेवितायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं मुद्गौदनासक्तचित्तायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं साकिन्यम्बास्वरुपिण्यै नमः || ५२० ||
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं आज्ञाचक्राब्जनिलयायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं शुक्लवर्णायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं षडाननायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं मज्जासंस्थायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं हंसवतीमुख्यशक्ति समन्वितायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं हरिद्रान्नैकरसिकायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं हाकिनीरुपधारिण्यै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं सहस्त्रदलपद्मस्थायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं सर्ववर्णोपशोभितायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं सर्वायुधधरायै नमः || ५३० ||
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं शुक्लसंस्थितायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं सर्वतोमुख्यै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं सर्वौदनप्रीतचित्तायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं याकिन्यम्बास्वरुपिण्यै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं स्वाहायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं स्वधायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं मत्यै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं मेधायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं श्रुत्यै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं स्मृत्यै नमः || ५४० ||
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं अनुत्तमायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं पुण्यकीर्त्यै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं पुण्यलभ्यायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं पुण्यश्रवणकीर्तनायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं पुलोमजार्चितायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं बन्धमोचन्यै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं बर्बरालकायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं विमर्शरुपिण्यै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं विद्यायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं वियदादिजगत्प्रसुवे नमः || ५५० ||
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं सर्वव्याधिप्रशमन्यै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं सर्वमृत्युनिवारिण्यै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं अग्रगण्यायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं अचिन्त्यरुपायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं कलिकल्मषनाशिन्यै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं कात्यायन्यै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं कालहन्त्र्यै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं कमलाक्षनिषेवितायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं ताम्बूलपूरितमुख्यै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं दाडिमीकुसुमप्रभायै नमः || ५६० ||
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं मृगाक्ष्यै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं मोहिन्यै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं मुख्यायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं मृडान्यै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं मित्ररुपिण्यै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं नित्यतृप्तायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं भक्तनिधये नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं नियन्त्र्यै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं निखिलेश्वर्यै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं मैत्र्यादिवासनालभ्यायै नमः || ५७० ||
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं महाप्रलयसाक्षिण्यै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं पराशक्त्यै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं परानिष्ठायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं प्रज्ञानघनरुपिण्यै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं माध्वीपानालसायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं मत्तायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं मातृकावर्णरुपिण्यै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं महाकैलासनिलयायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं मृणालमृदुदोर्लतायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं महनीयायै नमः || ५८० ||
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं दयामूर्त्यै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं महासाम्राज्यशालिन्यै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं आत्मविद्यायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं महाविद्यायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं श्रीविद्यायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं कामसेवितायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं श्रीषोडशाक्षरीविद्यायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं त्रिकूटायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं कामकोटिकायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं कटाक्षकिङ्करीभूतकमलाकोटिसेवितायै नमः || ५९० ||
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं शिरःस्थितायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं चन्द्रनिभायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं भालस्थायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं इन्द्रधनुःप्रभायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं हृदयस्थायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं रविप्रख्यायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं त्रिकोणान्तरदीपिकायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं दाक्षायण्यै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं दैत्यहन्त्र्यै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं दक्षयज्ञविनाशिन्यै नमः || ६०० ||
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं दरान्दोलितदीर्घाक्ष्यै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं दरहासोज्ज्वलन्मुख्यै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं गुरुमूर्तये नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं गुणनिधये नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं गोमात्रे नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं गुहजन्मभुवे नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं देवेश्यै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं दण्डनीतिस्थायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं दहराकाशरुपिण्यै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं प्रतिपन्मुख्यराकान्ततिथिमण्डलपूजितायै नमः || ६१० ||
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं कलात्मिकायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं कलानाथायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं काव्यालापविनोदिन्यै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं सचामररमावाणीसव्यदक्षिणसेवितायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं आदिशक्त्यै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं अमेयायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं आत्मने नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं परमायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं पावनाकृतये नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं अनेककोटिब्रह्माण्डजनन्यै नमः || ६२० ||
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं दिव्यविग्रहायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं क्लींकार्यै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं केवलायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं गुह्यायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं कैवल्यपददायिन्यै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं त्रिपुरायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं त्रिजगद्वन्द्यायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं त्रिमूर्त्यै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं त्रिदशेश्वर्यै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं त्र्यक्षर्यै नमः || ६३० ||
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं दिव्यगन्धाढ्यायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं सिन्दूरतिलकाञ्चितायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं उमायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं शैलेन्द्रतनयायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं गौर्यै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं गन्धर्वसेवितायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं विश्वगर्भायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं स्वर्णगर्भायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं अवरदायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं वागधीश्वर्यै नमः || ६४० ||
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं ध्यानगम्यायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं अपरिच्छेद्यायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं ज्ञानदायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं ज्ञानविग्रहायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं सर्ववेदान्तसंवेद्यायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं सत्यानन्दस्वरुपिण्यै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं लोपामुद्रार्चितायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं लीलाक्लृप्तब्रह्माण्डमण्डलायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं अदृश्यायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं दृश्यरहितायै नमः || ६५० ||
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं विज्ञात्र्यै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं वेद्यवर्जितायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं योगिन्यै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं योगदायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं योग्यायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं योगानन्दायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं युगन्धरायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं इच्छाशक्तिज्ञानशक्तिक्रियाशक्तिस्वरुपिण्यै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं सर्वाधारायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं सुप्रतिष्ठायै नमः || ६६० ||
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं सदसद्रूपधारिण्यै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं अष्टमूर्त्ये नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं अजाजैत्र्यै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं लोकयात्राविधायिन्यै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं एकाकिन्यै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं भूमरुपायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं निर्द्वैतायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं द्वैतवर्जितायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं अन्नदायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं वसुदायै नमः || ६७० ||
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं वृद्धायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं ब्रह्मात्मैक्यस्वरुपिण्यै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं बृहत्यै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं ब्राह्मण्यै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं ब्राह्म्यै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं ब्रह्मानन्दायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं बलिप्रियायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं भाषारुपायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं बृहत्सेनायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं भावाभावविवर्जितायै नमः || ६८० ||
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं सुखाराध्यायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं शुभकार्यै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं शोभनासुलभागत्यै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं राजराजेश्वर्यै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं राज्यदायिन्यै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं राज्यवल्लभायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं राजत्कृपायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं राजपीठनिवेशितनिजाश्रितायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं राज्यलक्ष्म्यै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं कोशनाथायै नमः || ६९० ||
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं चतुरङ्गबलेश्वर्यै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं साम्राज्यदायिन्यै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं सत्यसन्धायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं सागरमेखलायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं दीक्षितायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं दैत्यशमन्यै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं सर्वलोकवशंकर्यै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं सर्वार्थदात्र्यै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं सावित्र्यै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं सच्चिदानन्दरुपिण्यै नमः || ७०० ||
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं देशकालापरिच्छिन्नायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं सर्वगायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं सर्वमोहिन्यै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं सरस्वत्यै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं शास्त्रमय्यै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं गुहाम्बायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं गुह्यरुपिण्यै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं सर्वोपाधिविनिर्मुक्तायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं सदाशिवपतिव्रतायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं सम्प्रदायेश्वर्यै नमः || ७१० ||
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं साधुने नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं यै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं गुरुमण्डलरुपिण्यै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं कुलोत्तीर्णायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं भगाराध्यायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं मायायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं मधुमत्यै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं मह्यै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं गणाम्बायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं गुह्यकाराध्यायै नमः || ७२० ||
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं कोमलाङ्गयै नमः | -------
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं गुरुप्रियायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं स्वतन्त्रायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं सर्वतन्त्रेश्यै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं दक्षिणामूर्तिरुपिण्यै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं सनकादिसमाराध्यायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं शिवज्ञानप्रदायिन्यै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं चित्कलायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं आनन्दकलिकायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं प्रेमरुपायै नमः || ७३० ||
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं प्रियङ्कर्यै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं नामपारायणप्रीतायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं नन्दिविद्यायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं नटेश्वर्यै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं मिथ्याजगदधिष्ठानायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं मुक्तिदायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं मुक्तिरुपिण्यै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं लास्यप्रियायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं लयकर्यै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं लज्जायै नमः || ७४० ||
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं रम्भादिवन्दितायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं भवदावसुधावृष्ट्यै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं पापारण्यदवानलायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं दौर्भाग्यतूलवातूलायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं जराध्वान्तरविप्रभायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं भाग्याब्धि चन्द्रिकायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं भक्तचित्तकेकिघनाघनायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं रोगपर्वतदम्भोलये नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं मृत्युदारुकुठारिकायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं महेश्वर्यै नमः || ७५० ||
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं महाकाल्यै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं महाग्रासायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं महाशनायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं अपर्णायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं चण्डिकायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं चण्डमुण्डासुरनिषूदिन्यै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं क्षराक्षरात्मिकायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं सर्वलोकेश्यै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं विश्वधारिण्यै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं त्रिवर्गदात्र्यै नमः || ७६० ||
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं सुभगायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं त्र्यम्बकायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं त्रिगुणात्मिकायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं स्वर्गापवर्गदायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं शुद्धायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं जपापुष्पनिभाकृतये नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं ओजोवत्यै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं द्युतिधरायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं यज्ञरूपायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं प्रियव्रतायै नमः || ७७० ||
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं दुराराध्यायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं दुराधर्षायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं पाटलीकुसुमप्रियायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं महत्यै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं मेरुनिलयायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं मन्दारकुसुमप्रियायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं विराराध्यायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं विराड्रुपायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं विरजसे नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं विश्वतोमुख्यै नमः || ७८० ||
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं प्रत्यग्रूपायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं पराकाशायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं प्राणदायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं प्राणरुपिण्यै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं मार्ताण्डभैरवाराध्यायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं मन्त्रिणीन्यस्तराज्यधुरे नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं त्रिपुरेश्यै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं जयत्सेनायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं निस्त्रैगुण्यायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं परापरायै नमः || ७९० ||
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं सत्यज्ञानानन्दरुपायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं सामरस्यपरायणायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं कपर्दिन्यै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं कलामालायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं कामदुहे नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं कामरुपिण्यै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं कलानिधयै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं काव्यकलायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं रसज्ञायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं रसशेवधये नमः || ८०० ||
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं पुष्टायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं पुरातनायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं पूज्यायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं पुष्करायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं पुष्करेक्षणायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं परस्मै ज्योतिषे नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं परस्मै धाम्ने नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं परमाणवे नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं परात्परायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं पाशहस्तायै नमः || ८१० ||
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं पाशहन्त्र्यै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं परमन्त्रविभेदिन्यै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं मूर्तायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं अमूर्तायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं अनित्यतृप्तायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं मुनिमानसहंसिकायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं सत्यव्रतायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं सत्यरुपायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं सर्वान्तर्यामिण्यै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं सत्यै नमः || ८२० ||
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं ब्रह्माण्यै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं ब्रह्मजनन्यै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं बहुरुपायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं बुधार्चितायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं प्रसवित्र्यै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं प्रचण्डायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं आज्ञायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं प्रतिष्ठायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं प्रकटाकृतये नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं प्राणेश्वर्यै नमः || ८३० ||
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं प्राणदात्र्यै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं पञ्चाशत्पीठरुपिण्यै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं विशृङ्खलायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं विविक्तस्थायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं विरमात्रे नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं वियत्प्रसुवे नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं मुकुन्दायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं मुक्तिनिलयायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं मूलविग्रहरुपिण्यै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं भावज्ञायै नमः || ८४० ||
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं भवरोगध्न्यै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं भवचक्रप्रवर्तिन्यै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं छन्दःसारायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं शास्त्रसारायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं मन्त्रसारायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं तलोदर्यै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं उदारकीर्तने नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं उद्दामवैभवायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं वर्णरुपिण्यै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं जन्ममृत्युजरातत्पजनविश्रान्तिदायिन्यै नमः || ८५० ||
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं सर्वोपनिषदुद्घुष्टायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं शान्त्यतीतायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं कलात्मिकायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं गम्भीरायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं गगानान्तःस्थायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं गर्वितायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं गानलोलुपायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं कल्पनारहितायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं काष्ठायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं अकान्तायै नमः || ८६० ||
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं कान्तार्धविग्रहायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं कार्यकारणनिर्मुक्तायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं कामकेलितरङ्गितायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं कनत्कनकताटङ्कायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं लीलविग्रहधारिण्यै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं अजायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं क्षयविनिर्मुक्तायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं मुग्धायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं क्षिप्रप्रसादिन्यै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं अन्तर्मुखसमाराध्यायै || ८७० ||
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं बहिर्मुखसुदुर्लभायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं त्रय्यै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं त्रिवर्गनिलयायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं त्रिस्थायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं त्रिपुरमालिन्यै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं निरामयायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं निरालम्बायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं स्वात्मारामायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं सुधासृत्यै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं संसारपङ्कनिर्मग्नसमुद्धरणपण्डितायै नमः || ८८० ||
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं यज्ञप्रियायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं यज्ञकर्त्र्यै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं यजमानस्वरुपिण्यै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं धर्माधारायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं धनाध्यक्षायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं धनधान्यविवर्धिन्यै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं विप्रप्रियायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं विप्ररुपायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं विश्वभ्रमणकारिण्यै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं विश्वग्रासायै नमः || ८९० ||
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं विद्रुमाभायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं वैष्णव्यै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं विष्णुरूपिण्यै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं अयोनये नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं योनिनिलयायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं कूटस्थायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं कुलरुपिण्यै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं वीरगोष्ठीप्रियायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं विरायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं नैष्कर्म्यायै नमः || ९०० ||
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं नादरुपिण्यै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं विज्ञानकलनायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं कल्यायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं विदग्धायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं वैन्दवासनायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं तत्त्वाधिकायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं तत्त्वमय्यै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं तत्त्वमर्थस्वरुपिण्यै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं सामगानप्रियायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं सौम्यायै नमः || ९१० ||
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं सदाशिवकुटुम्बिन्यै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं सव्यापसव्यमार्गस्थायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं सर्वापद्विनिवारिण्यै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं स्वस्थायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं स्वभावमधुरायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं धीरायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं धीरसमर्चितायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं चैतन्यार्घ्यसमाराध्यायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं चैतन्यकुसुमप्रियायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं सदोदितायै नमः || ९२० ||
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं सदातुष्टायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं तरुणादित्यपाटलायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं दक्षिणादक्षिणाराध्यायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं दरस्मेरमुखाम्बुजायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं कौलिनीकेवलायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं अनर्घ्यकैवल्यपददायिन्यै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं स्तोत्रप्रियायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं स्तुतिमत्यै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं श्रुतिसंस्तुतवैभवायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं मनस्विन्यै नमः || ९३० ||
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं मानवत्यै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं महेश्यै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं मङ्गलाकृतये नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं विश्वमात्रे नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं जगद्धात्र्यै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं विशालाक्ष्यै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं विरागिण्यै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं प्रगल्भायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं परामोदारायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं परमोदायै नमः || ९४० ||
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं मनोमय्यै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं व्योमकेश्यै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं विमानस्थायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं वज्रिण्यै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं वामकेश्वर्यै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं पञ्चयज्ञप्रियायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं पञ्चप्रेतपञ्चाधिशायिन्यै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं पञ्चम्यै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं पञ्चभूतेश्यै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं पञ्चसड्ख्योपचारिण्यै नमः || ९५० ||
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं शाश्वत्यै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं शाश्वतैश्वर्यायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं शर्मदायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं शम्भुमोहिन्यै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं धरायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं धरासुतायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं धन्यायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं धर्मिण्यै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं धर्मवर्धिन्यै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं लोकातीतायै नमः || ९६० ||
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं गुणातीतायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं सर्वातीतायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं शमात्मिकायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं बन्धूककुसुमप्रख्यायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं बालायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं लीलाविनोदिन्यै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं सुमङ्गल्यै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं सुखकर्यै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं सुवेषाढ्यायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं सुवासिन्यै नमः || ९७० ||
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं सुवासिन्यर्चनप्रीतायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं अशोभनायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं शुद्धमानसायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं बिन्दुतर्पणसन्तुष्टायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं पूर्वजायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं त्रिपुराम्बिकायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं दशमुद्रासमाराध्यायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं त्रिपुराश्रीवशंकर्यै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं ज्ञानमुद्रायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं ज्ञानगम्यायै नमः || ९८० ||
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं ज्ञानज्ञेयस्वरुपिण्यै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रींयोनिमुद्रायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं त्रिखण्डेश्यै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं त्रिगुणायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं अम्बायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं त्रिकोणगायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं अनघायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं अद्भुतचारित्रायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं वाञ्छितार्थप्रदायिन्यै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं अभ्यासातिशयज्ञातायै नमः || ९९० ||
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं षडध्वातीतरुपिण्यै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं अव्याजकरुणामूर्तये नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं अज्ञानध्वान्तदीपिकायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं आबालगोपविदितायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं सर्वानुल्लङ्घ्यशासनायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं श्रीचक्रराजनिलयायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं श्रीमत्त्रिपुरसुन्दर्यै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं श्रीशिवायै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं शिवशक्त्यैक्यरुपिण्यै नमः |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं ललितम्बिकायै नमः || १००० ||
|| इति श्रीललितासहस्त्रनामावलिः सम्पूर्णम् ||