गोपाल संतान मंत्र
गोपाल संतान मंत्र |
गोपाल संतान मंत्र
संतान प्राप्ति के लिए, पुत्र प्राप्ति ले लिए यह अमोघ मंत्र है |
श्रद्धा से अनुष्ठान करने से दैवी संतान होता है |
तदर्ध गणपति पूजन, पुण्याहवाचन तथा दशांश होम की विधि जान लें |
स्वयं अनुष्ठान करना चाहें तो ब्राह्मणसे विधि जानें |
होम ब्राह्मणसे करायें |
संकल्प
मम आत्मनः श्रुति स्मृति पुराणोक्त वेदोक्त फल प्राप्त्यर्थं
पुत्रसन्तति प्राप्त्यर्थं लक्षात्मकं
श्रीगोपालसंतान मंत्रस्य जपानुष्ठानं करिष्ये |
तदर्थ प्रतिदिन गणेशपूजन, ब्राह्मणपूजन, न्यासादि करें |
अधिक ब्राह्मण हो तो कम दिन में भी यह अनुष्ठान हो सकता है |
अस्य श्रागोपालसंतान मंत्रस्य नारदऋषिः अनुष्टुप् छन्दः सन्तानप्रदः श्रीकृष्णो देवता ग्लौं बीजम् नमः शक्तिः (पुत्र) संतान प्राप्तिअर्थे जपे विनियोगः |
षडंगन्यासा
ॐ देवकीसुत अंगुष्ठाभ्यां नमः |
गोविन्द तर्जनीभ्यां नमः | वासुदेव मध्यमाभ्यां नमः |
जगत्पते अनामिकाभ्यां नमः |
देहि मे तनय:(तनयं) कृष्ण कनिष्ठिकाभ्यां नमः |
त्वामहं शरणं गतः करतलकरपृष्ठाभ्यां नमः |
हृदयादिन्यासाः |
ॐ देवकीसुत हृदयाय नमः |
गोविन्द शिरसे नमः |
वासुदेव शिखायै नमः |
जगत्पते कवचाय हुम् नमः |
देहि मे तनय:(तनयं) कृष्ण नेत्रत्रयाय वौषट नमः |
त्वामहं शरणं गतः अस्त्राय फट नमः |
ध्यानम्
विजयेन युतो रथस्थितः प्रसमानीय समुद्रमध्यतः |
प्रददौ तनयान् द्विजन्मनः स्मरणीयो वसुदेवनन्दनः ||
भगवान का पूजन, अभिषेक, मालापूजन, आदि कर के जप करें |
मंत्र ॐ ( श्रीं ह्रीं क्लीं ग्लौं )
देवकीसुत गोविन्द वासुदेव जगत्पते |
देहि मे तनयं कृष्ण त्वां अहं शरणं गतः ||
मंत्र के अर्थका ध्यान रखते जप करें |
प्रभु पुत्र के लिए भावार्द्र हृदयसे याचना करें |
जप पश्चात् षडंगन्यास, सायंपूजन, आरती आदि करें |
लक्षजप होने पर दशांश होम करे |
सवा लक्ष जप करने पर होम का फल मिलता है |
यह सिद्धमंत्र है |
सात्विक ब्राह्मणोंसे यथाविधि अनुष्ठान एवं दक्षिणा देने पर अभीष्ट सिद्धि होती है |
|| अस्तु ||
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Mantra