शिव अभिषेक द्रव्य
शिव अभिषेक द्रव्य |
कामना विशेष के अनुसार अभिषेक द्रव्य इस प्रकार है |
वर्षा की कामना से जल से,
रोगशान्ति हेतु कुशा व् जल से,
सन्तान व पशु सुख प्राप्ति हेतु दही से,
धन की कामना व्यापारवृद्धि के लिए गन्ने के रस से
से ही घी तथा शहद मिलाकर भी मोक्षकामना हेतु
तीर्थ के जल से शिवलोक प्राप्ति
पुत्र की कामना में दूध से, शिव जी का अभिषेक करे |
महाकाल संहिता के अनुसार जल से शिव का जलाभिषेक करने से ज्वरशान्ति तो होती ही है साथ ही इससे सभी मनोकामना पूर्ण होती हैं |
शिवपुराण के अनुसार एक हजार बार मन्त्र पढ़कर घी की धारा से शिव जी का अभिषेक करने से वंश का विस्तार होता है |
इसी प्रकार एक हजार बार मन्त्र पढ़कर दूध से अभिषेक करने से जड़ता समाप्त होकर बुद्धि का विकास होता है |
मानसिक तथा पारिवारिक उच्चाटन हो या पति पत्त्नी में कलह हो तो भी दूध से इस प्रकार अभिषेक करना चाहिए |
शत्रुपराजय या शत्रुनाश हेतु
एक हजार बार पढ़ते हुए सरसों के तेल से अभिषेक करे |
इसी प्रकार शहद से अभिषेक करने से आर्थिक लाभ होता है |
गंगाजल का अभिषेक भोग व मोक्ष दोनों दायक है |
गन्ने के रस से अभिषेक सुख,
आनन्द व सभी मनोरथ पूर्ण करता है |
महर्षि पाराशर के अनुसार पापों से मुक्ति हेतु शहद से,
निरोगता हेतु घी से,
दीर्घायु हेतु से सांसारिक कामोपभोग हेतु गन्ने के रस से,
सन्तान की कामना से जल में शक्कर मिलाकर जल से,
शिवाभिषेक करना चाहिए |
|| अस्तु ||
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