भूमि दोष | नए घर के लिए कैसी जमीन होनी चाहिए ? | भूमि परीक्षा | Bhumi Pariksha |

 

भूमि दोष | नए घर के लिए कैसी जमीन होनी चाहिए ?

नया घर कैसी जमीन पर बनाना चाहिए ?
कई बार होता है की भूमि दोष की वजह से कई प्रकार के दुःख भुगतने पड़ते है | 
कुछ भूमि ऐसी होती है जैसे तरसी ( प्यासी ) 
जमीन इसी वजह से उस जमीन पर रहने वाले लोग बहुत ही परेशान होते है | 
कई प्रकार के कष्ट भुगतते है | 
तो कैसे भूमि की का परीक्षण करना चाहिए | 
भूमि दोष


 नए घर के लिए कैसी जमीन होनी चाहिए ?

हस्तमात्रं खनेत्खातं जलेनैव प्रपूरयेत् | 
पूरिते वास्तुकर्ता च गच्छेत्पदशतं पुनः || 
समागत्याम्भसो वृद्धिं दृष्ट्वा वृद्धिरनुत्तमा | 
समेऽपि स्यान्महावृद्धिः क्षये क्षयमथादिशेत् || 

एक हाथ जितना गहरा ( निचा ) गड्डा खोदे और उसमे पानी डाले | 
जो मनुष्य पूजा करे वो उसके बाद किसी भी दिशा में 
सौ पैर तक चले | फिर वापिस लौटे | 
लौटने के बाद फिर वो देखे | 
अगर उसमे पानी बढ़ने लगे या पानी बढ़ा हुआ हो तो 
वो भूमि और वहा बनने वाला घर उन्नति कारक-कल्याणकारक समझे 
अगर पानी उतना ही रहे अति कल्याणदायी 
पानी अगर जमीन पि जाये तो बिलकुल पानी ना रहे तो 
तो वह विनाशकारी होता है || 

इस तरह से भूमि का परीक्षण कर के नयी जमीन पर घर बनाना चाहिए || 


|| अस्तु ||  
karmkandbyanandpathak

नमस्ते मेरा नाम आनंद कुमार हर्षद भाई पाठक है । मैंने संस्कृत पाठशाला में अभ्यास कर (B.A-M.A) शास्त्री - आचार्य की पदवी प्राप्त की हुईं है । ।। मेरा परिचय ।। आनंद पाठक (आचार्य) ( साहित्याचार्य ) ब्रह्मरत्न अवार्ड विजेता (2015) B.a-M.a ( शास्त्री - आचार्य ) कर्मकांड भूषण - कर्मकांड विशारद ज्योतिष भूषण - ज्योतिष विशारद

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