लालकिताब के नवग्रह उपाय
लालकिताब के नवग्रह उपाय |
माना जाता है की लाल किताब के उपाय कभी विफल नहीं जाते है |
नवग्रहों को शांत करने के लिए या अपनी जन्मकुंडली में जो ग्रह दुर्बल हो
उसे अनुकूल बनाने के लिए ग्रह को प्रसन्न करने के लिए यह उपाय बहुत
लाभ दायक है | इन उपायों को पूर्ण श्रद्धा के साथ नियमानुसार किये जाये तो
अवश्य फलदायी होते है |
नियम :
इन उपायों को निरंतर 40 से 43 दिनों तक करने चाहिए |
अगर बीच में कोई सूतक आ जाए तो फिर से शुरुआत करनी चाहिए |
यह उपाय सूर्योदय से सूर्यास्त के बीच ही करने चाहिए |
सूर्य के लिए उपाय :
अगर कुंडली में सूर्य ग्रह दुर्बल हो तो बहते पानी या नदी में गुड़
40 से 43 दिनों तक प्रवाहित करे |
चंद्र के लिए उपाय :
नित्य सोने से पहले एक कलश में पानी या दूध भरकर उस कलश को अपने बाजु में रखकर सोये और सुबह को या दूध को बबूल के पेड़ में डाल देना चाहिए |
मंगल के उपाय :
बहते जल में बताशे या रेवड़िया प्रवाहित करे |
मीठी रोटियां बनाकर कुत्तो को खिला दे |
बुध के उपाय :
छेद वाले ताम्बे के सिक्के को बहते पानी में प्रवाहित करे |
गुरु के उपाय :
केसर भक्षण करे और केसर वाला तिलक नाभि और ललाट में करे |
शुक्र के उपाय :
शुक्र की पीड़ा शांत करने के लिए गौ माता की सेवा करे |
गौ माता को चारा खिलाये |
शनि के उपाय :
शनि की पीड़ा शांत करने के लिए सरसौ के तेल का दीपक मंदिर में दान करे |
पीपल के पेड़ के निचे कांस्य पात्र में सरसौ का दीपक प्रज्वलित करे |
राहु के उपाय :
राहु को शांत करने के लिए मूली ( सब्जी ) का दान करे | चांडाल को दान करे |
केतु के उपाय :
केतु को शांत करने के लिए कुत्तो को मीठी रोटियां खिलाये |
यह उपरोक्त उपाय लाल किताब में बताये गए है
जिनको करने से अवश्य ग्रहपीड़ा शांत होती है |
|| लाल किताब उपाय समाप्त ||
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Navgrah