दुर्गा अष्टाक्षर मंत्र साधना
दुर्गा अष्टाक्षर मंत्र साधना |
विनियोगः
ॐ अस्य श्री दुर्गाष्टाक्षरमंत्रस्य महेश्वर ऋषिः |
श्री श्री दुर्गाष्टाक्षरात्मिका देवता |
दुं बीजम् | ह्रीं शक्तिः | ॐ कीलकाय नम इति दिग्बन्धः |
धर्मार्थकाममोक्षार्थे जपे विनियोगः |
ऋष्यादियास :
ॐ महेश्वरऋषये नमः शिरसि |
अनुष्टुपछन्दसे नमः मुखे |
श्रीदुर्गाष्टाक्षरात्मिकादेवतायै नमो हृदि |
दुं बीजाय नमो नाभौ |
ह्रीं शक्तये नमो गुह्ये |
ॐ कीलकाय नमः पादयोः |
नमो दिग्बन्धः इति सर्वाङ्गे |
करन्यास :
ॐ ह्रां अंगुष्ठभ्यां नमः |
ॐ ह्रीं तर्जनीभ्यां नमः |
ॐ ह्रूं मध्यमाभ्यां नमः |
ॐ ह्रैं अनामिकाभ्यां नमः |
ॐ ह्रौं कनिष्ठिकाभ्यां नमः |
ॐ ह्रः करतलकरपृष्ठाभ्यां नमः |
हृदयादिन्यास :
ॐ ह्रां हृदयाय नमः |
ॐ ह्रीं शिरसे स्वाहा | (नमः)
ॐ ह्रूं शिखायै वौषट |
ॐ ह्रैं कवचाय हुम् |
ॐ ह्रौं नेत्रत्रयाय वौषट |
ॐ ह्रः अस्त्राय फट |
ध्यान :
ॐ दूर्वानिभां त्रिनयनां विलसत्किरिटां शंखाब्जखड्गशरखेटकशूलचापान |
संतर्जनिम् च दधतीं महिषासनस्थां दुर्गां नवारकुलपीठगतां भजेऽहम् ||
दुर्गा अष्टाक्षर मंत्र
"ॐ ह्रीं दुं दुर्गायै नमः"
आठलाख का पुरश्चरण है | ( इसमें दशांश यज्ञ की आवश्यकता नहीं है )
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Mantra
गुरु जी आपके पास से श्री यंत्र चाहिए था
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