चण्डिका माला मंत्र
चण्डिका माला मंत्र |
विनियोगः
ॐ अस्य श्री चण्डिकामालामन्त्रस्य मार्कण्डेयऋषिः |
अनुष्टुप छन्दः | श्री चण्डिका देवता |
ॐ ह्रः बीजं | ॐ सौं शक्तिः | ॐ कीलकं |
मम श्री चण्डिकाप्रसादसिद्ध्यर्थं सकलजन
वश्यार्थं श्रीचण्डिकामाला मंत्रजपे विनियोगः |
ऋष्यादिन्यासः
ॐ मार्कण्डेयऋषये नमः शिरसि |
ॐ अनुष्टुपछन्दसे नमः मुखे |
ॐ श्रीचण्डिकादेवतायै नमः हृदि |
ॐ ह्रः बीजाय नमः गुह्ये |
ॐ सौं शक्तये नमः पादयोः |
ॐ ह्रौं कीलकाय नमः नाभौ |
ॐ विनियोगाय नमः सर्वाङ्गे |
करन्यासः
ॐ ह्रां फ़ां अङ्गुष्ठाभ्यां नमः |
ॐ ह्रीं फीं तर्जनीभ्यां नमः |
ॐ ह्रूं फूं मध्यमाभ्यां नमः |
ॐ ह्रैं फैं अनामिकाभ्यां नमः |
ॐ ह्रौं फौं कनिष्ठिकाभ्यां नमः |
ॐ ह्रः फः करतलकरपृष्ठाभ्यां नमः |
हृदयादिन्यासः
ॐ ह्रां फ़ां हृदयाय नमः |
ॐ ह्रीं फीं शिरसे स्वाहा |
ॐ ह्रूं फूं शिखायै वषट |
ॐ ह्रैं फैं कवचाय हुम् |
ॐ ह्रौं फौं नेत्रत्रयाय वौषट |
ॐ ह्रः फः अस्त्राय फट |
|| ध्यान ||
ॐ कल्याणीं कमलासनस्थशुभदां गौरीं घनश्यामला
माविर्भावित भूषणामभयदामार्दैकरक्षैः शुभैः |
श्रींह्रींक्लींवरमंत्रराजसहिता मानन्दपूर्णात्मिकां
श्रीशैले भ्रमराम्बिकां शिवयुतां चिन्मात्रमूर्तिं भजे ||
|| चण्डिकामाला मंत्र ||
ॐ ह्रः ॐ सौं ॐ ह्रौं ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं श्री र्जयजय चण्डिका चामुण्डे चण्डिके
त्रिदशमुकुटकोटिसंघट्टितचरणारविन्दे गायत्रि सावित्रि सरस्वति अहिकृताभरणे भैरवरूपधारिणि प्रकटित दंष्ट्रोग्रवदने घोरानननयने ज्वलज्जवालासहस्त्रपरिवृते
महाट्टहासधवलीकृतदिगन्तरे सर्वयुगपरिपूर्णेकपालहस्ते
गजाजीनोत्तरीयभूतवेतालपरिवृते अकम्पितधराधरे मधुकैटभ महिषासुरधूम्रलोचन
चण्डमुण्डरक्तबीजशुम्भनिशुम्भदैत्यनिकृन्ते कालरात्रि महामाये शिवे नित्ये
ॐ ऐं ह्रीं ऐन्द्री आग्नेयि याम्ये नैरृति वारुणि वायवि कौबेरि ऐशानि ब्रह्मविष्णुशिवस्थिते त्रिभुवनधराधरे वामे ज्येष्ठे रौद्रि अम्बिके ब्राह्मीमाहेश्वरी कौमारी वैष्णवी वाराहींद्राणी ईशानी महालक्ष्मीः इति स्थिते महोग्रविषमहाविषोरगफणामणि मुकुटरत्न महाज्वालामलमणिमहाहिहारबाहुकहोत्तमाँगनवरत्ननिधि कोटितत्वबाहुजिह्वावाणी शब्दस्पर्शरुपरसगंधात्मिके क्षिति
साहसमध्यस्थिते महोज्ज्वलमहाविषोपविषगन्धर्वविद्याधराधिपते
ॐ ऐंकारा ॐ ह्रींकारा ॐ क्लींकारा हस्ते
ॐ आंह्रींक्रौंअनग्नेनग्नेपाते प्रवेशय प्रवेशय
ॐ द्रां द्रीं शोषय शोषय
ॐ द्रां द्रीं मोहय मोहय
ॐ क्लां क्लीं दीपय दीपय
ॐ ब्लूं ब्लूं संतापय संतापय
ॐ सौंसौं उन्मादय उन्मादय
ॐ म्लैं म्लैं मोहय मोहय
ॐ खाँ खाँ शोधय शोधय
ॐ द्यां द्यां उन्मादय उन्मादय
ॐ ह्रीं ह्रीं आवेशय आवेशय
ॐ स्त्रीं स्त्रीं उच्छादय उच्छादय
ॐ स्त्रीं स्त्रीं आकर्षय आकर्षय
ॐ हुं हुं आस्फोटय आस्फोटय
ॐ त्रूँ त्रूँ त्रोटय त्रोटय
ॐ छां छां छेदय छेदय
ॐ क्रूं क्रूं उच्चाटय उच्चाटय
ॐ हूँ हूँ हन हन
ॐ ह्रां ह्रां मारय मारय
ॐ घ्नीं घ्नीं घर्षय घर्षय
ॐ स्वीं स्वीं विध्वंसय विध्वंसय
ॐ प्लूँ प्लूँ प्लावय प्लावय
ॐ भ्रां भ्रां भ्रामय भ्रामय
ॐ म्रां म्रां दर्शय दर्शय
ॐ दां दां दिशांबंधय बंधय
ॐ दींदींवर्तिनामेकाग्रचित्ताविशिकुरुतेंगये
ॐ ह्रां ह्रीं ह्रूं ह्रैं ह्रौं ह्रः
ॐ फ्रां फीं (फ्रीं) फूं (फ्रूं) फ्रैं फ्रौं फ्र:
ॐ चामुण्डायै विच्चे स्वाहा
मम सकल मनोरथं देहि सर्वोपद्रवं निवारय निवारय अमुकं वशे कुरु कुरु
भूतप्रेतपिशाचब्रह्मपिशाच ब्रह्मराक्षसयक्ष यमदूतशाकिनी डाकिनी
सर्वश्वापदतस्करादिकं नाशय नाशय मारय मारय भञ्जय भञ्जय ॐ ह्रींश्रींक्लीं स्वाहा ||
नित्या इस माला मंत्र के 21 या 108 पाठ करने से सर्वकार्य सिद्ध हो जाते है ||
|| इति चण्डिकामाला मंत्र संपूर्ण ||
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