दो मुखी रुद्राक्ष धारण मंत्र | दो मुखी रुद्राक्ष धारण करने की विधि | Do Mukhi rudraksah mantra |


दो मुखी रुद्राक्ष

दो मुखी रुद्राक्ष धारण मंत्र
दो मुखी रुद्राक्ष धारण करने की विधि
दो मुखी रुद्राक्ष धारण मंत्र  | दो मुखी रुद्राक्ष धारण करने की विधि | Do Mukhi rudraksah mantra |
दो मुखी रुद्राक्ष धारण मंत्र


अथ द्विमुखीरुद्राक्षधारणविधिः |
दो मुखी रुद्राक्ष धारण मंत्र
ॐ क्षीं ह्रीं क्ष्रौं  ब्रीं (व्रीं) ॐ |

अस्य श्रीदेवदेवेशमन्त्रस्य अत्रिऋषि गायत्री छन्दः देवदेवेशो
देवता क्ष्रीं बीजं क्षृौं शक्तिः मम चतुर्वर्गसिद्धयर्थे द्विमुखी रुद्राक्ष धारणार्थे
( धारण अर्थे )
जपे विनियोगः | अत्रिऋषये नमः शिरसि |
गायत्री छन्दसे नमो मुखेदेवदेवशाय नमो हृदि |
क्ष्रीं बीजाय नमो गुह्ये |
क्ष्रीं शक्तये नमः पादयोः
 ( करन्यास )
ॐ ॐ अँगुष्ठाभ्यां नमः
ॐ क्ष्रौं तर्जनीभ्यां स्वाहा
ॐ ह्रीं मध्यमाभ्यां वषट्
ॐ क्ष्रां अनामिकाभ्यां हूं
ॐ क्ष्रीं कनिष्ठकाभ्यां वौषट्
ॐ ॐ करतलकरपृष्ठाभ्यां फट्
( अथाङ्गन्यास )
ॐ ॐ हृदयाय नमः |
ॐ क्ष्रीं शिरसे स्वाहा |
ॐ ह्रीं शिखायै वौषट् |
ॐ क्ष्रौं कवचाय  हूं  |
ॐ ब्रीं ॐ नेत्रत्रयाय वौषट् |
ॐ ॐ उँ अस्त्राय फट् ||
( अथ ध्यानम् )
तपनसोमहुताशनलोचनं
घनसमानगलं शशिसुप्रभम् |
अभय चक्रपिनाकवरान्करैर्दध
तमिन्दधरं गिरीशं भजेत् || २ ||

|| अस्तु ||
karmkandbyanandpathak

नमस्ते मेरा नाम आनंद कुमार हर्षद भाई पाठक है । मैंने संस्कृत पाठशाला में अभ्यास कर (B.A-M.A) शास्त्री - आचार्य की पदवी प्राप्त की हुईं है । ।। मेरा परिचय ।। आनंद पाठक (आचार्य) ( साहित्याचार्य ) ब्रह्मरत्न अवार्ड विजेता (2015) B.a-M.a ( शास्त्री - आचार्य ) कर्मकांड भूषण - कर्मकांड विशारद ज्योतिष भूषण - ज्योतिष विशारद

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