पारद शिवलिङ्ग
पारदशिवलिंग का महत्त्व |
पारद शिवलिङ्ग की महिमा अवर्णनीय है |
उसका वर्णन करना मुमकिन ही नहीं अपितु करीब करीब संभव ही नहीं है |
नामुमकिन है |
इतनी अपरम्पार महिमा है पारद शिवलिङ्ग की |
पौराणिक कथाओ के अनुसार माना जाता है की पारद भगवान् शिव का वीर्य है |
उसी कारण उसे साक्षात् शिव स्वरुप कहते है |
असली पारद शिंवलिंग को घर में रखने से और उसकी उपासना करने से चमत्कारिक फल मिलता है |
भगवान् शङ्कर स्वयं माँ पार्वती को कहते है जो मनुष्य पारद शिवलिंग की आराधना करता है उसे मृत्यु का कभी भय नहीं रहता है |
उसके घर में और जीवन में कभी दरिद्रता नहीं आती | सिर्फ इतनाही नहीं पारद शिवलिंग के दर्शन एवं स्पर्श मात्र से ही जन्मो जन्म के पापो का विनाश हो जाता है | और धर्म,अर्थ,कर्म,मोक्ष की प्राप्ति हो जाती है |
अगर सही पारद शिवलिंग मिल काये तो उसकी प्राणप्रतिष्ठा भी करवाने की आवश्यकता नहीं है क्युकी यह स्वयं ही शिवबीज है |
"उसके माहात्म्य के विषय में लिखा हुआ है"
लिङ्गकोटिसहस्रस्य यत्फलं सम्यगर्चनात् |
तत्फलं कोटिगुणितं रसलिंगार्चनाद्भवेत् ||
ब्रह्महत्या सहस्त्राणि गौहत्यायाः शतानि च |
तत्क्षणद्विलयं यान्ति रसलिंगस्य दर्शनात् ||
स्पर्शनात्प्राप्यत मुक्तिरिति सत्यं शिवोदितं ||
पारद शिवलिङ्ग के दर्शन मात्र से महापुण्य की प्राप्ति होती है |
इसके दर्शन से सैंकड़ो अश्वमेघ यज्ञो फल मिलता है |
करोडो गौदान मिलता है |
हजारो सोनेकी मुद्राओ को दान करने जितना फल मिलता है |
ब्रह्महत्या के दोष से मुक्ति मिलती है |
गौ हत्या के दोष से मुक्ति मिलती है |
उसको स्पर्श करने से शिवलोक की प्राप्ति होती है |
Tags:
VratKatha