श्री मयूरेश स्तोत्र
गणपति मयूरेश स्तोत्र |
यह स्तोत्र चिन्ता एवं रोग मिटाने वाला है |
इसके माहात्म्य में लिखा हुआ है
यह स्तोत्र ब्रह्मभाव को प्रकट करता है | पापो का विनाश करता है |
मनुष्यो की सभी मनोकामनाओ को पूर्ण करता है |
सभी उपद्रवों को नाश करता है |
सिर्फ सात दिन इसका पाठ करने से निर्दोष कारागर में पड़ा हुआ व्यक्ति मुक्त हो जाता है |
यह शुभ स्तोत्र मानसिक पीड़ाओं को दूर करता है |
शरीर के सभी रोगो का विनाश करता है |
भोग और मोक्ष प्रदान करता है |
|| अथ श्री मयूरेश स्तोत्रं ||
ब्रह्मोवाच
पुराणपुरुषं देवं नानाक्रीडाकरं मुदा |
मायाविनं दुर्विभाव्यं मयूरेशं नमाम्यहम् ||
परात्परं चिदानन्दं निर्विकारं ह्रदि स्थितम् |
गुणातीतं गुणमयं मयूरेशं नमाम्यहम् ||
सृजन्तं पालयन्तं च संहरन्तं निजेच्छया |
सर्वविघ्नहरं देवं मयूरेशं नमाम्यहम् ||
नानादैत्यनिहन्तारं नानारूपाणि बिभ्रतम् |
नानायुधधरं भक्त्या मयूरेशं नमाम्यहम् ||
इन्द्रादिदेवतावृन्दैरभिष्टुतमहर्निशम् |
सदसद्व्यक्तमव्यक्तं मयूरेशं नमाम्यहम् ||
सर्वशक्तिमयं देवं सर्वरूपधरं विभुम् |
सर्वविद्याप्रवक्तारं मयूरेशं नमाम्यहम् ||
पार्वतीनन्दनं शम्भोरानन्दपरिवर्धनम् |
भक्तानंदकरं नित्यं मयूरेशं नमाम्यहम् ||
मुनिध्येयं मुनिनुतं मुनिकामप्रपूरकम् |
समष्टिव्यष्टिरूपं त्वां मयूरेशं नमाम्यहम् ||
सर्वज्ञाननिहन्तारं सर्वज्ञानकरं शुचिम् |
सत्यज्ञानमयं सत्यं मयूरेशं नमाम्यहम् ||
अनेककोटिब्रह्माण्डनायकं जगदीश्वरम् |
अनन्तविभवं विष्णुं मयूरेशं नमाम्यहम् ||
मयूरेश उवाच
इदं ब्रह्मकरं स्तोत्रं सर्वपापप्रणाशनम् |
सर्वकामप्रदं नृणां सर्वोपद्रवनाशनम् ||
कारागृहगतानां च मोचनं दिनसप्तकात् |
आधिव्याधिहरं चैव भुक्तिमुक्तिप्रदं शुभम् ||
|| श्री मयूरेश स्तोत्रं सम्पूर्णं ||
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