कनकधारा यंत्र मंत्र साधना
कनकधारा यन्त्र मंत्र साधना |
ॐ अस्य श्री कनकधारा महामन्त्रस्य श्रीभगवत्पाद शङ्करऋषिः श्रीभुवनेश्वरी महामाया देवता श्रीबीजं ह्रींशक्तिः ऐंकीलकं श्रीविद्यापरा देवता मम दुःख दारिद्र्यादि दोषनिवारणार्थं अप्राप्त लक्ष्मी प्राप्त्यर्थं प्राप्तलक्ष्म्याः चिरकाल संरक्षणार्थं तथा च धनदा लक्ष्मी प्रसाद सिद्धये कनककान्ति भूषितां कनकधारावृतां श्रीप्रीत्यर्थं कनकधारा यन्त्र संमुखे स्फटिकमणिमालोपरी अष्टसिद्धि दात्रयाः भगवत्या भुवनेश्वर्याः कनकधारा महामन्त्र जपे विनियोगः |
( अभिषेक-होमे विनियोगः )
कनकधारा महामंत्र
ॐ वं श्री वं ऐं ह्रीं क्लीं कनकधारायै स्वाहा
इस मंत्र की साधना स्फटिक माला से करनी चाहिए |
मंत्रजाप के समय प्राणप्रतिष्ठित कनकधारा यन्त्र सन्मुख होना जरुरी है |
यन्त्र चांदी का हो तो सर्वश्रेष्ठ है अन्यथा
ताम्र का भी चलेगा
१२० माला का अनुष्ठान करे
दशांश यज्ञ या दशांश माला करे
अनुष्ठान के लिए विद्वान ब्राह्मण का सहयोग भी ले सकते है
श्रीयंत्र के साथ कनकधारा यन्त्र रखने से
१०० गुना अधिक फल प्राप्त होता है
रंक को राजा बनाती है यह साधना
रंक को राजा बनानेवाली साधना
निर्धन को धनवान बनती है यह साधना
|| अस्तु ||
Dear sir
ReplyDeleteMahalakshmi puja me akhand deep kaise jalaya jata hai aur deep ka kya MANTRA hai