महागणपति त्रिशति नामावली
यह महागणपति त्रिशती नामावली
गणपति मंत्रराज "ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं ग्लौं गं गणपतये वर वरद सर्व जनं में वशमानय स्वाहा"
इस महामंत्र के एक एक अक्षर से प्रकटित है |
इन नामो द्वारा भक्त साधक, गणेशजी की पूजा-यज्ञ-तर्पण-जप कर सकते है |
गणपति के यह नाम अत्यंत प्रभावशाली है | जो साधक की सभी मनोकामना पूर्ण करता है |
गणपति नामावली |
गणेश ध्यानं
ॐ विघ्नेश्वराय वरदाय सुरप्रियाय लम्बोदराय सकलाय जगतद्धिताय |
नागाननाय श्रुतियज्ञ विभूषिताय गौरीसुताय गणनाथ नमो नमस्ते ||
मूषिकवाहन मोदक हस्त चामरकर्ण विलम्बित सूत्र
वामनरूप महेश्वरपुत्र विघ्नविनायक पाद नमस्ते ||
ॐ ॐ कार गणपतये नमः |
ॐ ॐ कार प्रणवरूपाय नम |
ॐ ॐ कार मूर्तये नमः |
ॐ ॐ काराय नमः |
ॐ ॐ कार मन्त्राय नमः |
ॐ ॐ कार बिन्दुरुपाय नमः |
ॐ ॐ कार रूपाय नमः |
ॐ ॐ कार नादाय नमः |
ॐ ॐ कार मयाय नमः |
ॐ ॐ कार मूलाधार वासाय नमः || १० ||
ॐ श्रीं कार गणपतये नमः |
ॐ श्रीं कार वल्ल्भाय नमः |
ॐ श्रीं कार काराय नमः |
ॐ श्रीं काराय नमः |
ॐ श्रीं लक्ष्म्यै नमः |
ॐ श्रीं महागणेशाय नमः |
ॐ श्रीं वल्ल्भाय नमः |
ॐ श्रीं गणेशाय नमः |
ॐ श्रीं वीर गणेशाय नमः |
ॐ श्रीं वीर लक्ष्म्यै नमः |
ॐ श्रीं धैर्य गणेशाय नमः || २० ||
ॐ श्रीं वीर पुरेन्द्राय नमः |
ॐ ह्रीं कार गणेशाय नमः |
ॐ ह्रीं कार मयाय नमः |
ॐ ह्रीं कार सिंहाय नमः |
ॐ ह्रीं कार बालाय नमः |
ॐ ह्रीं कार पीठाय नमः |
ॐ ह्रीं कार रूपाय नमः |
ॐ ह्रीं कार वर्णाय नमः |
ॐ ह्रीं कार कलाय नमः |
ॐ ह्रीं कलाय नमः |
ॐ ह्रीं लयाय नमः || ३० ||
ॐ ह्रीं कार वरदाय नमः |
ॐ ह्रीं कार फलदाय नमः |
ॐ क्लीं कार गणेशाय नमः |
ॐ क्लीं कार मन्मथाय नमः |
ॐ क्लीं काराय नमः |
ॐ क्लीं मूलाधाराय नमः |
ॐ क्लीं वासाय नमः |
ॐ क्लीं कार मोहनाय नमः |
ॐ क्लीं कारोन्नत रूपाय नमः |
ॐ क्लीं कार वश्याय नमः || ४० ||
ॐ क्लीं कार नाथाय नमः |
ॐ क्लीं कार हेरम्बाय नमः |
ॐ क्लीं कार रूपाय नमः |
ॐ ग्लौं गणपतये नमः |
ॐ ग्लौं कार बीजाय नमः |
ॐ ग्लौं काराक्षराय नमः |
ॐ ग्लौं कार बिंदु मध्यगाय नमः |
ॐ ग्लौं कार वासाय नमः |
ॐ गं गणपतये नमः |
ॐ गं गणनाथाय नमः || ५० ||
ॐ गं गणाधिपाय नमः |
ॐ गं गणाध्यक्षाय नमः |
ॐ गं गणाय नमः |
ॐ गं गगनाय नमः |
ॐ गं गङ्गाय नमः |
ॐ गं गमनाय नमः |
ॐ गं गानविद्या प्रदाय नमः |
ॐ गं घण्टानाद प्रियाय नमः |
ॐ गं गकाराय नमः |
ॐ गं वाहाय नमः || ६० ||
ॐ गणपतये नमः |
ॐ गजमुखाय नमः |
ॐ गजहस्ताय नमः |
ॐ गजरूपाय नमः |
ॐ गजारुढाय नमः |
ॐ गजाय नमः |
ॐ गणेश्वराय नमः |
ॐ गंधहस्ताय नमः |
ॐ गर्जिताय नमः |
ॐ गताय नमः || ७० ||
ॐ णकार गणपतये नमः |
ॐ णलाय नमः |
ॐ ण लिङ्गाय नमः |
ॐ णल प्रियाय नमः |
ॐ ण लेशाय नमः |
ॐ णल कोमलाय नमः |
ॐ ण करीशाय नमः |
ॐ ण करिकाय नमः |
ॐ ण णणन्काय नमः |
ॐ ण णीशाय नमः || ८० ||
ॐ ण णीण प्रियाय नमः |
ॐ पर ब्रहमाय नमः |
ॐ पर हन्त्रे नमः |
ॐ पर मूर्तये नमः |
ॐ पराय नमः |
ॐ परमात्मने नमः |
ॐ परानन्दाय नमः |
ॐ परमेष्ठिने नमः |
ॐ परात्पराय नमः |
ॐ पद्माक्षाय नमः || ९० ||
ॐ पद्मालया पतये नमः |
ॐ पराक्रमिणे नमः |
ॐ तत्वगणपतये नमः |
ॐ तत्व गम्याय नमः |
ॐ तर्क वेत्रे नमः |
ॐ तत्व विदे नमः |
ॐ तत्व रहिताय नमः |
ॐ तमोहिताय नमः |
ॐ तत्व ज्ञानाय नमः |
ॐ तरुणाय नमः || १०० ||
ॐ तरुणी भृङ्गाय नमः |
ॐ तरणि प्रभाय नमः |
ॐ यज्ञ गणपतये नमः |
ॐ यज्ञकाय नमः |
ॐ यशस्विने नमः |
ॐ यज्ञकृते नमः |
ॐ यज्ञाय नमः |
ॐ यम भीति निवर्तकाय नमः |
ॐ यम हृतये नमः |
ॐ यज्ञ फलप्रदाय नमः || ११० ||
ॐ यमाधाराय नमः |
ॐ यमप्रदाय नमः |
ॐ यथेष्ठ वरप्रदाय नमः |
ॐ वर गणपतये नमः |
ॐ वरदाय नमः |
ॐ वसुधा गणपतये नमः |
ॐ वज्रोद्भव भयसंहन्त्रे नमः |
ॐ वल्लभा रमणिशाय नमः |
ॐ वक्षस्थल मणि भ्राजिने नमः. |
ॐ वज्रधारिणे नमः || १२० ||
ॐ यमप्रदाय नमः |
ॐ यथेष्ठ वरप्रदाय नमः |
ॐ वर गणपतये नमः |
ॐ वरदाय नमः |
ॐ वसुधा गणपतये नमः |
ॐ वज्रोद्भव भयसंहन्त्रे नमः |
ॐ वल्लभा रमणिशाय नमः |
ॐ वक्षस्थल मणि भ्राजिने नमः. |
ॐ वज्रधारिणे नमः || १२० ||
ॐ वश्याय नमः |
ॐ वकार रूपाय नमः |
ॐ वशिने नमः |
ॐ वरप्रदाय नमः |
ॐ रज गणपतये नमः |
ॐ रज कराय नमः |
ॐ रमा नाथाय नमः |
ॐ रत्ना भरण भूषिताय नमः |
ॐ रहस्यज्ञाय नमः |
ॐ रसाधाराय नमः || १३० ||
ॐ वकार रूपाय नमः |
ॐ वशिने नमः |
ॐ वरप्रदाय नमः |
ॐ रज गणपतये नमः |
ॐ रज कराय नमः |
ॐ रमा नाथाय नमः |
ॐ रत्ना भरण भूषिताय नमः |
ॐ रहस्यज्ञाय नमः |
ॐ रसाधाराय नमः || १३० ||
ॐ रथस्थाय नमः |
ॐ रथावासाय नमः |
ॐ रञ्जित प्रदाय नमः |
ॐ रविकोटि प्रकाशाय नमः |
ॐ रम्याय नमः |
ॐ वरद वल्ल्भाय नमः |
ॐ व् काराय नमः |
ॐ वरुण प्रियाय नमः |
ॐ वज्रधराय नमः |
ॐ वरद वरदाय नमः || १४० ||
ॐ वन्दिताय नमः |
ॐ वश्यकराय नमः |
ॐ वदनप्रियाय नमः |
ॐ वसवे नमः |
ॐ वसुप्रियाय नमः |
ॐ वरद प्रियाय नमः |
ॐ रवि गणपतये नमः |
ॐ रत्न किरीटाय नमः |
ॐ रत्न मोहनाय नमः |
ॐ रत्नभूषणाय नमः || १५० ||
ॐ रत्नकाय नमः |
ॐ रत्न मन्त्रपाय नमः |
ॐ रसाचलाय नमः |
ॐ रसाचलाय नमः |
ॐ रसा तलाय नमः |
ॐ रत्न कङ्कणाय नमः |
ॐ रवोधिशाय नमः |
ॐ रवापानाय नमः |
ॐ रत्नासनाय नमः |
ॐ दकार रूपाय नमः |
ॐ दमनाय नमः || १६० ||
ॐ दण्डकारिणे नमः |
ॐ दयाधनिकाय नमः |
ॐ दैत्यगमनाय नमः |
ॐ दण्डनित्यादि विज्ञात्रे नमः |
ॐ दयावहाय नमः |
ॐ दक्ष ध्वंसन कराय नमः |
ॐ दक्षाय नमः |
ॐ दतकाय नमः |
ॐ दमोजघ्नाय नमः |
ॐ सर्व वश्य गणपतये नमः || १७० ||
ॐ सर्वात्मने नमः |
ॐ सर्वज्ञाय नमः |
ॐ सर्व सौख्य प्रदायिने नमः |
ॐ सर्व दुःखघ्ने नमः |
ॐ सर्व रोग हृते नमः |
ॐ सर्व जन प्रियाय नमः |
ॐ सर्वशास्त्र कलापधराय नमः |
ॐ सर्वदुख विनाशाय नमः |
ॐ सर्वदुख विनाशाय नमः |
ॐ सर्वदुष्ट प्रशमनाय नमः |
ॐ जय गणपतये नमः || १८० ||
ॐ जनार्दनाय नमः |
ॐ जपाराध्याय नमः |
ॐ जगन मान्याय नमः |
ॐ जया वहाय नमः |
ॐ जनपालाय नमः |
ॐ जगत सृष्टये नमः |
ॐ जप्याय नमः |
ॐ जन लोचनाय नमः |
ॐ जगती पालाय नमः |
ॐ जयंताय नमः || १९० ||
ॐ नटन गणपतये नमः |
ॐ नद्याय नमः |
ॐ नदीश गम्भीराय नमः |
ॐ नत भू देवाय नमः |
ॐ नष्ट द्रव्य प्रदायकाय नमः |
ॐ नयज्ञाय नमः |
ॐ नमितारये नमः |
ॐ नन्दाय नमः |
ॐ नट विद्या विशारदाय नमः |
ॐ नवत्यानां सन्त्रात्रे नमः || २०० ||
ॐ नवाम्बर विधारणाय नमः |
ॐ मेघ डम्बर गणपतये नमः |
ॐ मेघ वाहनाय नमः |
ॐ मेरु वासाय नमः |
ॐ मेरु निलयाय नमः |
ॐ मेघ वर्णाय नमः |
ॐ मेघ नादाय नमः |
ॐ मेघ डम्बराय नमः |
ॐ मेघ गर्जिताय नमः |
ॐ मेघरूपाय नमः || २१० ||
ॐ मेघघोषाय नमः |
ॐ मेघ वाहनाय नमः |
ॐ वश्य गणपतये नमः |
ॐ वज्रेश्वराय नमः |
ॐ वर प्रदाय नमः |
ॐ वज्रदन्ताय नमः |
ॐ वश्यप्रदाय नमः |
ॐ वश्याय नमः |
ॐ वशिने नमः |
ॐ वटुकेशाय नमः || २२० ||
ॐ वराभयाय नमः |
ॐ वसुमते नमः |
ॐ वटवे नमः |
ॐ शर गणपतये नमः |
ॐ शर्म धाम्ने नमः |
ॐ शरणाय नमः |
ॐ शर्म वद्वसु घनाय नमः |
ॐ शरधराय नमः |
ॐ शशि धराय नमः |
ॐ शतक्रतु वरप्रदाय नमः || २३० ||
ॐ शतानन्दादि सेव्याय नमः |
ॐ शमित देवाय नमः |
ॐ शराय नमः |
ॐ शशि नाथाय नमः |
ॐ महाभय विनाशनाय नमः |
ॐ महेश्वर प्रियाय नमः |
ॐ मत्तदण्ड कराय नमः |
ॐ महाकीर्तये नमः |
ॐ महाभुजाय नमः |
ॐ महोन्नतये नमः || २४० ||
ॐ महोत्साहाय नमः |
ॐ महा मायाय नमः |
ॐ महामदाय नमः |
ॐ महा कोपाय नमः |
ॐ नाग गणपतये नमः |
ॐ नागाधीशाय नमः |
ॐ नायकाय नमः |
ॐ नाशितारातये नमः |
ॐ नाम स्मरण पापघ्ने नमः |
ॐ नाथाय नमः || २५० ||
ॐ नाभिपदार्थ पद्मभुवे नमः |
ॐ नागराज वल्लभ प्रियाय नमः |
ॐ नाट्य विद्या विशारदाय नमः |
ॐ नाट्य प्रियाय नमः |
ॐ नाट्य नाथाय नमः |
ॐ यवन गणपतये नमः |
ॐ यमविषूदनाय नमः |
ॐ यमविषूदनाय नमः |
ॐ यम वीजिताय नमः |
ॐ यज्वने नमः |
ॐ यज्ञ पतये नमः || २६० ||
ॐ यज्ञ नाशनाय नमः |
ॐ यज्ञप्रियाय नमः |
ॐ यज्ञ वाहाय नमः |
ॐ यज्ञाङ्गाय नमः |
ॐ यज्ञ सखाय नमः |
ॐ यज्ञ प्रियाय नमः |
ॐ यज्ञ रूपाय नमः |
ॐ यज्ञ वन्द्याय नमः |
ॐ यति रक्षकाय नमः |
ॐ यति पूजिताय नमः || २७० ||
ॐ स्वामी गणपतये नमः |
ॐ स्वर्णप्रदाय नमः |
ॐ स्वर्ण कर्षणाय नमः |
ॐ स्वाश्रयाय नमः |
ॐ स्वस्तिकृते नमः |
ॐ स्वस्तिकाय नमः |
ॐ स्वर्ण कक्षाय नमः |
ॐ स्वर्ण ताटङ्क भूषणाय नमः |
ॐ स्वाहा सभाजिताय नमः |
ॐ स्वर शास्त्र स्वरुप कृते नमः || २८० ||
ॐ हादि विद्याय नमः |
ॐ हादि रूपाय नमः |
ॐ हरिहर प्रियाय नमः |
ॐ हरण्यादि पतये नमः |
ॐ हाहा हूहू गणपतये नमः |
ॐ हरी गणपतये नमः |
ॐ हाटक प्रियाय नमः |
ॐ हत गजाधिपाय नमः |
ॐ हयाश्रयाय नमः |
ॐ हंस प्रियाय नमः || २९० ||
ॐ हंसाय नमः |
ॐ हंस पूजिताय नमः |
ॐ हनुमत सेविताय नमः |
ॐ हकार रूपाय नमः |
ॐ हरि स्तुताय नमः |
ॐ हरांक वास्तव्याय नमः |
ॐ हरिनील प्रभाय नमः |
ॐ हरिद्रा बिम्ब पूजिताय नमः |
ॐ हरिघ्य मुख्यदेवता सर्वेष्ट सिद्धिताय नमः |
ॐ मूलमंत्र गणपतये नमः || ३०० ||
|| श्री महागणपति त्रिशती नामावली सम्पूर्णं ||
Tags:
108 Naam