नौ ग्रह पीड़ा निवारक साधना
नवग्रह पीड़ाहर साधना |
यह साधना बहुत ही प्रभावशाली साधना है खासकर नवग्रह को प्रसन्न करने के लिए और जन्मकुंडली में स्थित अरिष्टदोषो के निवारण के लिये जरूर करना चाहिए यह उपाय | जिंस्की साढ़ेसाती चल रही हो,जिनकी महादशा अशुभ चल रही हो |
सभी नवग्रहों को प्रसन्न करना हो तो जरूर करे यह रामबाण उपाय |
यह साधना किसी भी दिन कर सकते है | किन्तु शीघ्र फल प्राप्ति हेतु शनिवार को करे | लेकिन साधना का समय सायंकाल रखना चाहिए |
|| नवग्रह पीड़ाहर साधना ||
आक, धतूरा, अपामार्ग, दूर्वा, वट आम, गुलेर, खेजड़ी, इन सब की जेड और एक दो पत्ते ले | इन सब को एक मिटटी के छोटे से घड़े डाले उसमे थोड़ा दूध, थोड़ा सा गाय का घी, अक्षत, चना, मूंग, थोड़े गेहू, सफ़ेद और काले तिल, गौमूत्र, सरसौ, चन्दन, शहद, और छाछ, उसी मिटटी के घड़े में डाले।और उस घड़े को सायं काल पीपल के पेड़ की जड़ में खड़ा खोदकर कर गाड़ दे |
घड़े को गाड़ देने के बाद उसी समय पीपल के पेड़ के नीचे या शिवालय में निम्न मंत्र की 100 माला करे अर्थात 10000 मंत्र का जाप करे | इस मंत्र में दशांश यज्ञ या तर्पण-मार्जन इत्यादि का कोई प्रावधान नहीं है |
मंत्र:
"ॐ नमो भगवते भास्कराय अस्माकं सर्व ग्रहाणां पीड़ा नाशनं कुरु कुरु स्वाहा"
इस मंत्र की साधना से कुछ ही दिनों में शुभ परिणाम देखने को मिलेगा |
नवग्रहों का उपद्रव नष्ट हो जाएगा |
|| नवग्रह पीड़ाहर साधना समाप्तः ||
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