श्री दुर्गा अष्टोत्तर शत नाम स्तोत्र
इस महान अष्टोत्तरशत नाम स्तोत्र से माँ दुर्गा को प्रसन्न किया जाता है |
इस स्तोत्र के द्वारा माँ दुर्गा के ऊपर पंचामृत से अभिषेक कर सकते है |
या प्रतिदिन तीनो काल इस स्तोत्र का पाठ कर माँ दुर्गा की पूर्ण कृपा प्राप्त कर सकते है |
श्री दुर्गा अष्टोत्तर शतनाम स्तोत्र |
|| अथ श्री दुर्गा अष्टोत्तर शतनाम स्तोत्र ||
ॐ दुर्गा शिवा महालक्ष्मी र्महागौरी च चण्डिका |
सर्वज्ञा सर्वलोकेशी सर्वकर्मफलप्रदा ||
सर्वतीर्थमयी पुण्या देवयोनि रयोनिजा |
भूमिजा निर्गुणाधारशक्तिश्चानीश्वरी तथा ||
निर्गुणा निरहङ्कारा सर्वगर्वविमर्दिनी |
सर्वलोकप्रिया वाणी सर्वविद्यादिदेवता ||
पार्वती देवमाता च वनीशा विंध्यवासिनी |
तेजोवती महामाता कोटिसूर्यसमप्रभा ||
देवता वह्निरूपा च सरोजा वर्णरूपिणी |
गुणाश्रया गुणमध्या गुणत्रयविवर्जिता ||
कर्मज्ञानप्रदा कान्ता सर्वसंहारकारिणी |
धर्मज्ञाना धर्मनिष्ठा सर्वकर्मविवर्जिता ||
कामाक्षी कामसंहर्त्री कामक्रोधविवर्जिता |
शाङ्करी शाम्भवी शान्ता चन्द्रसूर्याग्निलोचना ||
सुजया जयभूमिष्ठा जाह्नवी जनपूजिता |
शास्त्रा शास्त्रमया नित्या शुभा चन्द्रार्धमस्तका ||
भारती भ्रामरी कल्पा कराली कृष्णपिङ्गला |
ब्राह्मी नारायणी रौद्री चंद्रामृतपरिवृता ||
ज्येष्ठेन्दिरा महामाया जगत्सृष्ट्याधिकारिणी |
ब्रह्मांडकोटिसंस्थाना कामिनी कमलालया ||
कात्यायनी कलातीता कालसंहारकारिणी |
योगनिष्ठा योगगम्या योगध्येया तपस्विनी ||
ज्ञानरूपा निराकारा भक्ताभीष्टफलप्रदा |
भूतात्मिका भूतमाता भूतेशा भूतधारिणी ||
स्वधानारीमध्यगता षड़ाधारादिवर्धिनी |
मोहितांशुभवा शुभ्रा सूक्ष्मा मात्रा निरालसा ||
निम्नगा नीलसंकाशा नित्यानन्दा हरा परा |
सर्वज्ञानप्रदानन्दा सत्या दुर्लभरूपिणी ||
सरस्वती सर्वगता सर्वाभीष्टप्रदायिनी | |
|| श्री दुर्गा अष्टोत्तर शतनाम स्तोत्रं सम्पूर्णं ||
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